सोमवार, 8 नवंबर 2010

बीनाई(साईट )भी होती है एलर्जी से ग्रस्त ....

एलर्जीज़ इन साईट .एयर पोल्युतेंट्स आर ट्रिगर्स टू रेड एंड ग्रीटि आईज /लुकिंग गुड /डॉ .महिपाल एस . सचदेव /हिंदुस्तान टाइम्सनवम्बर ७ ,२०१० )।
एलर्जीज़ का मतलब सिर्फ साइनस या साइनासिज़ ही नहीं है जिसमे नाक और फेफड़े हवा में मौजूद तैरते इठलाते प्रदूषकों अलर्जी- कारक पदार्थों के संग एलर्जिक रियेक्सन करते हैं ।
आँखें भी उतनी संजीदा बनी रहतीं हैं इन एलर्जन्स के प्रति ।
पेट डेन -डर आपके लाडले पालतू का रोम और बाल ,गर्द गुबार उस से उड़ता उठता ,कोई दवा (मेडिसन ),धूल-मिट्टी ,प्रदूषक ,बीडी -सिगरेट्स का धुआं ,परफ्यूम्स और डीज़ल फ्युम्स आँख की जलन और लाली (रेडनेस और ललाई) की वजह बनते हैं बस आंख की सतह (सर्फेस आफ आई )से इनका सीधा संपर्क भर हो जाये ।
दिल्ली जैसे नगरों का कुख्यात विंटर -स्मोग (स्मोक +फोग =स्मोग )खासकर दिवाली के ठीक बाद का दौर आँख के लिए नै मुसीबतें लाता है जब एक खास किस्म का एरोसोल मिश्र हवा में तैर रहा होता है जिसमे दिवाली पर उडाये बारूद का अवशेष ,धूल और वाहनों से निकले गैसीय प्रदूषकों का डेरा होता है ।
आंसू इसे आंख से पूरी तरह खारिज नहीं कर सकते .यही एलर्जन्स 'एलर्जिक कंजक्ती -वाइटिस '(स्वेलिंग ऑफ़ डी मेम्ब्रेन अंडर दी आई लिड्स आम ज न में ऑंखें दुखनी आना चिपचिपाहट के साथ )की वजह बनतें हैं ।
ड्राई -आई सिंड्रोम भी इसी स्मोग की सौगात बनता है .जैसा इसके नाम से आभास मिलता है इसमें आँखों का पानी सूख जाता है ,नमी खत्म हो जाती है आँखों की .आँखों की ललाई और ग्रीटि -नेस 'ड्राई -आई -सिंड्रोम 'का लक्षण है ।
वायु में मौजूद एल्र्जीकारक पदार्थों के अलावा कुछ दवाएं ,फिश और श्रिम्प्स जैसे खाद्य ,इन्सेक्ट बाइट्स ,सौर -विकिरण में मौजूद अल्ट्रा -वाय्लिटअंश एलर्जिक -लिड -ईडीमा की वजह बन सकतें हैं .इसके लक्षणों में स्वोलिन आई लिड्स (पलकों की ,पपोटों की सूजन)शामिल है ।
अलावा इसके कोंटेक्ट लेंसिज़ का स्तेमाल करने वालों के लिए 'जाइंट पपिल्लारी कंजंक -टी -वाइटिस 'का जोखिम बढ़ जाता है .यह एलर्जिक रियेक्सन है कोंटेक्ट लेंस का ,लेंस पर प्रोटीन का जमना इसकी वजह बनता है ,लेंस सोल्यूसन में स्तेमाल परि -रक्षी (प्री-ज़र्वेतिव्ज़ )भी इसकी वजह बन सकतें हैं ।
एलर्जी और रोग -संक्रमण से होने वाली कंजंक -टी -वाइटिस के लक्षणों में भी आँखों की लाली ,खुजली ,और सोजिश (स्वेलिंग )शामिल है ।
फर्क क्या है दोनों में ?
एलर्जी से हमारी दोनों आँख असर ग्रस्त होत्तीं हैं ,बेक्टीरिया या विषाणु (वायरस )से पैदा लाली केवल एक आँख में भी सकती है ।
अलबत्ता ललाई की वजह जान लेना ज़रूरी है .क्योंकि दोनों का इलाज़ अलग अलग है ।
अलबत्ता कोल्ड कम्प्रेसिज़ (ठंडे पानी में भीगा साफ़ मुलायम कपड़ा )आँखों को दोनों ही तरह की आँखों की दुखन और लाली में राहत देतें हैं ।
इफ दी रेडनेस पर्सिस्ट्स ,लुब्रिकेटिंग आई द्रोप्स टू फिजिकली वाश अवे एलर्जन्स एंड मोइस्तइन दी आई टू रिड्यूस दी ड्राई -नेस एंड रेडनेस .मेदिकेतिद आई -द्रोप्स सच एज एस्पिरिन एंड इबू -प्रोफेन बेस्ड मेदिकेसंस कैन हेल्प रिड्यूस स्वेलिंग एंड पैन .

कोई टिप्पणी नहीं: