स्पोटिद: जाइंट स्ट्रक्चर इन मिल्की -वे (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ११ ,२०१० )।
हमारी अपनी नीहारिका जिसे मिल्की -वे गेलेक्सी भी कहा जाता है के केंद्र में खगोल विज्ञान के माहिरों ने एक व्यवस्थित तारकीय संरचना का पता लगाया है .समझ लीजिये खगोल -वैज्ञानिक पैमाने पर यह पृथ्वी पर एक और महाद्वीप की खोज के तुल्य खोज कही जायेगी .
अमरीकी अन्तरिक्ष संस्था नासा के फर्मी गामा रे -टेलिस्कोप से इस जाइंट स्ट्रक्चर की शिनाख्त की गई है .अनुमान है यह हमारी अपनी आकाश गंगा (मिल्की -वे गेलेक्सी )के केंद्र में मौजूद किसी विशालकाय अंध -कूप (सुपर -साइज्ड ब्लेक होल ) से सुदूर अतीत में हुए किसी महा -विस्फोट का बचा खुचा भाग है ।लाखों बरस पुराना हो सकता है यह अन्तरिक्ष की काल -कोठरी का अवशेष .इसका विस्तार १०० डिग्री से ज्यादा आंका गया है .तारामंडल "विर्गो "से "ग्रुस "तारामंडल (कोंस-टिलेषण)तक इस तारकीय प्रणाली का फैलाव है ।
ताराभौतिकी से सम्बद्ध एक विज्ञान पत्रिका में इसका प्रकाशन शीघ्र होगा .
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