बाई -लिन्ग्युअलिज़्म दिलेज़ ओंसेट ऑफ़ अल्जाइ -मर्स (डी टाइम्स ऑफ़ इंडिया नवम्बर ११ ,२०१० )।
दो भाषाओं को बोलने में समर्थ लोग अल्जाइ-मर्स के लक्षणों को पांच साल आगे खिसकाए रख सकतें हैं .भारत में कभी त्रि -भाषा फ़ॉर्मूले की बात चली थी .राष्ट्रीय एकता, उत्तर दक्षिण समन्वय के अलावा तीन भाषाओं की वाचिक प्रवीणता अल्ज़ाइमर्स को मुल्तवी रखने में कारगर सिद्ध हो सकती है ।
एक कनाडाई शोध से ऐसे ही नतीजे मिले हैं .अपने अध्ययन में बय्क्रेस्ट 'स रोत्मन रिसर्च इंस्टिट्यूट के रिसर्चरों ने कुल २११ मरीजों के रिकार्ड खंगालने के बाद पता लगाया है इनमे से वे लोग जो कई बरसों तक दो या दो से ज्यादा भाषाओं में वाक् -पटु थे उनमे अल्जाइ -मर्स के लक्षण औसतन पांच साल की देरी से दिखलाई दिए .अल्जाइ -मर्स एक न्यूरो-दिजेंरेतिव डिजीज है जो आदिनांक लाइलाज बनी आई है .इसमें दिमागी अप्विकास के चलते दिमाग का आकार ही सिमट के रह जाता है .
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