गुरुवार, 4 नवंबर 2010

पहला ह्युमेनोइड निकला अन्तरिक्ष की सैर को ....

रोबोनौट सेट टू कोंकर फाइनल फ्रंतीयर्स(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ४,२०१० ,पृष्ठ १५ ,लेट सिटी एडिशन )।
रोबोनौट २ नाम है इस पृथ्वी से अन्तरिक्ष की सैर को निकले रोबोट का जिसे प्यार से सिर्फ 'आर २ ' कहा जा रहा है .स्पेस शटल डिस्कवरी की फाइनल उड़ान में यह ६ अन्तरिक्ष यात्रियों और गणेश -वाहन माइस(चूहों )के साथ ३ नवम्बर को निकल चुका है .इंटर -नॅशनल स्पेस स्टेशन पे यह काम करेगा निशिबासर ।
नासा के माहिरों को उम्मीद है यह एक दिन अन्तरिक्ष यात्रियों की उनकी कक्षा में पहुँच कर मदद करेगा .भले ही आज इस यांत्रिक और विद्युत मार्वल पर कुल खर्च ढाई मिलियन डॉलर आया है .लेकिन यह अपनी कीमत वसूल करवा देगा ।हक़ अदायगी में किसी से पीछे नहीं रहेगा .
एक दिन यह स्पेस स्टेशन की सफाई से लेकर ,गर्मी सर्दी से बे -परवाह बना रहकर स्पेस -वाल्किंग करते अन्तरिक्ष अन्वेशियों का हाथों में ज़रूरी औज़ार लिए इंतज़ार करेगा .तमाम आपात कालीन व्यवस्थाये टोक्सिक लीक्स (विषाक्त पदार्थों के रिसाव से लेकर आगजनी की संभाल लेगा )।
ह्युमेनोइद्स की आइन्दा आने वाली पीढियां पृथ्वी की ऑर टकराने की मंशा से बढ़ते एस्तेरोइद्स (लघु ग्रहों )पर भी नजर रखेंगी .मंगल तथा जीवन के अन्य क्षितिज भी तलाशेंगी ।
3feet ४ इंच लम्बाई और ३३० पोंड्स वजनी इस ह्युमेनोइड की प्रत्येक भुजा २ फीट ८ इंची है .

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