मिनी बिग बैंग क्रियेतिद इन लेब ,मे अन्रावेल कोस्मिक मिस्त्रीज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ९ ,२०१० )।
एक लघुत्तर पैमाने पर लार्ज हेड्रोंन
कोलाइदर पर काम करने वाले रिसर्चरों ने एक मिनिएचर बिग बैंग की सृष्टि कर लेने का दावा किया है .यानी सृष्टि के जन्म जैसी परिस्थितियाँ (तापमान और द्रव्य के घनत्व से जुडी ) अल्पकाल के लिए ही सही पैदा कर लेने की बात की है .इसे प्राप्त करने के लिए लेड आयनों की आमने सामने से ज़ोरदार वेगवती टक्कर करवाई गई है .(चार्ज्ड एटम्स को आयंस कहा जाता है .).लेड का परमाणु हाइड्रोजन से तकरीबन २०० गुना भारी होता है .जिनेवा के निकट योरोपियन ओर्गेनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लिअर रिसर्च के तत्वाधान में स्थापित है "सर्न".यानी योरोपियन न्यूक्लीयर रिसर्च सेंटर ही इस महा -मशीन का संचालन करता है .
पूर्व में प्रोटानों की आमने सामने से तकरीबन प्रकाश के वेग से ही टक्कर करवाई गई थी . (प्रकाश का पूर्ण वेग तो किसी कण को प्रदान ही नहीं किया जा सकता है )।
समझा जाता है लेड आयनों की इस महा -मशीन में करवाई गई टक्करों से सूर्य के केन्द्रीय भाग (कोर टेम्प्रेचर )से दस लाख गुना ज्यादा तापमान पैदा किया गया .बिग बैंग के बाद के पहलेएक सेकिंड के भी अरबवें भाग में तकरीबन इतना ही तापमान रहा होगा .इतने उच्चतर तापमान पर सिद्धांत -तय द्रव्य की प्रोटोन और न्युत्रोंन जैसी कणिकाएं मूल भूत क्वार्क्स और ग्लुओंज़ के उत्तप्त सूप में तब्दील हो जायेंगी .सृष्टि के आरम्भ में ऐसा ही सूप उस आदिम अणु में रहा होगा जो एक साथ सब जगह मौजूद था तब जब न आकाश का अस्तित्व था न काल का ।उसी आदिम अणु में महा -विस्फोट से सृष्टि बनी .
साइंसदान यह जानने को उत्सुक रहें हैं आखिर परमाणुओं को एक समूह में बनाए रखने होल्ड करने वाला कौन है .कहाँ से आता है इनमे द्रव्य मान (मॉस )।
क्वार्क -ग्लुओंन प्लाज्मा (क्वार्क -ग्लुओंज़ सूप ) भी तो कहीं से आया होगा ?क्या प्रकृतिहै उस कुदरती बल की जिसे "स्ट्रोंग फ़ोर्स 'कहा जाता है .सवाल ज्यादा हैं उत्तर कम हैं .कहाँ से आये कुदरती बल ?स्ट्रिंग्स का मायावी संसार ?
बुधवार, 10 नवंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें