एक अध्ययन के अनुसार लेप टॉप को लेप में रख कर काम करना पुरुषों के प्रजनन -स्वास्थ्य (रिप्रो -दकतिव हेल्थ )को असर ग्रस्त कर सक ता है .बेहतर है इसे डेस्क पर रख कर ही काम किया जाए .फर्टिलिटी एंड स्टर -लिटी में प्रकाशित इस अध्ययन का नेत्रिर्त्व मूत्र -विज्ञान के माहिर (यूरोलोजिस्ट )स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू -योर्क ,स्टोनी ब्रुक कैम्पस ,के एलिम शेय्न्किन ने किया है ।
अध्ययन में २९ नौज़वानों के स्क्रो -टम का तापमान उस दरमियान रिकार्ड किया गया जब वह लेप टॉप को घुटनों पर जंचा कर काम कर रहे थे . बावजूद इस तथ्य के कि कुछ नौज़वानों ने लेप पेड का भी स्तेमाल किया था कंप्यूटर को घुटनों पर रखने से पहले, स्क्रो -टम का तापमान देखते ही देखते बढ़ गया .वास्तव में ओवर -हीटिंग हो गई स्क्रो -टम की।शेय्न्किन कहतें हैं आज लाखों की तादाद में युवा प्रजनन क्षम लोग लेप टॉप का स्तेमाल करते हैं .१० -१५ मिनिट की अवधि में ही स्क्रो -टम का तापमान सुरक्षित समझी जाने वाली तापमान सीमा के बाहर चला जाता है ।
अमरीकी युरोलजिस्ट संघ के मुताबिक हर ६ में से एक दम्पति आज गर्भ धारण करपाने से ताल्लुक रखने वाली किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है .इनमे से आधे मामलों में कोई न कोई कमीबेशी मर्द में पाई जाती है .पुरुष बांझपन दोषी होता हैगर्भ धारण न कर पाने के पीछे ।
मनुष्य के अंड कोशों को विधाता ने शरीर से बाहर रखा है ताकि शेष शरीर से स्क्रो -टम का तापमान थोड़ा कम रहे .यह शुक्र -उत्पादन (स्पर्म -प्रो -दक्शन) के लिए भी ज़रूरी है ।
पूर्व अध्ययनों से भी यह पुष्ट हुआ है स्क्रो -टम को केवल एक सेल्सियस से ज्यादा वार्मिंग मिलने से शुक्र नष्ट हो सकतें हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-कीप लेप टॉप अवे फ्रॉम लेप टू प्रोटेक्ट स्पर्म (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ९ ,२०१० )
बुधवार, 10 नवंबर 2010
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