ब्रैन्स ऑफ़ फीट -सिज़(भ्रूण ) रन ऑन आइडिल मोड(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ४ ,२०१० )।
बेशक हमारा दिमाग निद्रा के वक्त भी खाली नहीं बैठता ,काम करता रहता है .माहिरों के अनुसार यह काम गर्भावस्था की अवधि भुगताते ही शुरू हो जाता है .यानी जेस्तेशन पीरियड के फ़ौरन बाद दिमाग एक्टिविटी से बज्बजाने लगता है ।
इसे विराम अवधि की दिमागी सक्रियता (रेस्तिंग स्टेट एक्टिविटी )कहा जाता है .कलकत्ता या मुंबई की किसी बिजी लेन सा काम करता रहता है हमारा दिमाग ।
इस काम को दिमाग की एकल कोशा 'न्यूरोन '(ए सिंगिल सेल ऑफ़ ब्रेन ,ए क्वांटम ऑफ़ ब्रेन )अंजाम देती है ।
दिमाग का विज्युअल एरिया (दृश्य क्षेत्र )हो या फिर मोटर एरिया (गति -पेशीय संचालन क्षेत्र )या फिर हमारे ध्यान -संज्ञान ,अटेंशन और एबस्ट्रेक्ट थिंकिंग से ताल्लुक रखने वाला कोगनिटिव एरिया हर तरफ नेट वर्क है न्युओंस का .(तकरीबन १० ख़राब से ज्यादा न्युरोंस इस नेट्वर्किंग में शामिल रहतें हैं ।).
इन्हीं में से एक नेटवर्क है 'डिफाल्ट मोड नेटवर्क '.यह क्षेत्र उस वक्त पूरी हरकत में आता है ,एक्टिवेट होता है जब हम 'वेक्फुल स्टेट 'में होतें हैं .आत्मा -लोचन(इन -ट्रोस -पेक्शन ) करतें हैं ,दिवास्वप्न रचतें हैं ।
इम्पीरियल कोलिज लन्दन के साइंसदानों की माने तो यह डिफाल्ट -मोड -नेटवर्क बच्चे के पैदा होते वक्त से ही कम करने लगता है .
गुरुवार, 4 नवंबर 2010
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