जर्मनी की एक कम्पनी इन दिनों एक ट्रायल में मुब्तिला है जिसके तहत एक ऐसा साउंड सिस्टम तैयार किया गया है जो कंसर्ट हाल में डिस्प्ले किये गए संगीत की अनुकृति और वाइब्रेशन को ऑक्सीजन के साथ संयुक्त कर लेता है .इस मिश्र की खूबी यह है यह शहरी मलजल (सीवेज )को जैव -निम्नीकृत करसरल रूपों में तोड़ कर ठिकाने लगा देता है .सिडनी में सीवेज को बायो -डिग्रेड करने के लिए इसके परीक्षण चल रहें हैं ।
इस पूरी प्राक्रिया में एक स्टीरियो -सिस्टम को मोजार्ट संगीत की चुनिन्दा बंदिशों (दी मेजिक फ्ल्युट ,दी मेरिज ऑफ़ फिगारो ) की साउंड वेव्स के साथ ऑक्सीजन को मिलाकर तैयार किया गया है ।
समझा जाता है यह साउंड सिस्टम माइक्रो -ओर्गेनिज्म को सीवेज को निम्नीकृत करने का ट्रिगर ,उत्प्रेरण, प्रदान करता है ।
मोजार्ट ने अपने संगीत में कुदरती नियमों को खूबसूरती के साथ एक अलग नोट ('अलग की ) के साथ समायोजित किया है जिससे ये सारी कायनात स्पंदित होती है फिर बायो -ओर्गेनिज्म की क्या बिसात वह अछूती रह जाए इस संगीत से .हर उम्र और सांस्कृतिक पृष्ठ -भूमि के व्यक्ति को इस संगीत ने प्रभावित किया है .भला माइक्रोब्स इस संगीत के जादुई असर से कैसे बचता .आखिर वह भी जीवन का एक प्रति -रूप ही तो हैं .माइक्रोब्स इस संगीत का कितना बेहतर उपयोग कर सकताहै इसी की आज़माइश चल रही है ।
सीवेज ट्रीटमेंट (मलजल के उपचार में )वेस्ट वाटर को एरेटिद -टेंक्स में से गुज़ारा जाता है .यहीं पर जीवाणु जो हजम कर सकता है करलेता है .मोजार्ट संगीत से प्रेरण ग्रहण कर. उम्मीद यही की जाती है ऑक्सीजन की उपस्तिथि में मलजल का जैव -निम्नीकरण ज़ोरदार तरीके से होगा .कार्बनिक संदूषक (ओरगेनिक कंटा -मिनेंट्स )तेज़ी से सरलीकृत प्रति -रूपों में टूटते हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-नाव मोजार्ट टू हेल्प ब्रेकडाउन सीवेज (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर २ ,२०१० ,नै -दिल्ली ,पृष्ठ १९ ,केपिटल संस्करण ).
बुधवार, 3 नवंबर 2010
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