हारमोन देट काज़िज़ इंसुलिन रेजिस्टेंस फ़ाउंड(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ५ ,२०१० )।
जापानी साइंसदानों ने एक ऐसे हारमोन का पता लगा लिया है जो हमारे शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को उकसाने की वजह बनता है .इस से जीवन शैली रोग डाय-बितीज़ (सेकेंडरी डाय -बितीज़ )के इलाज़ को एक नै दिशा मिल सकती है ।
इंसुलिन रेजिस्टेंस एक शरीर -क्रिया -वैज्ञानिक स्थिति है (फिजियो -लोजिकल कंडीशन है )जिसमे शरीर तंत्र द्वारा (अग्नाशय ग्रंथि और बीटा सेल्स ) द्वारा स्रावित (पैदा )शक्कर को ठिकाने लगाने वाला हारमोन इंसुलिन अपना काम (ब्लड सुगर कम करने का )ठीक से अंजाम नहीं दे पाता.उतना कारगर नहीं रह जाता है .और बस यहीं से जीवन शैली रोग डाय -बितीज़ की शुरुआत हो जाती है ।
कनाजावा यूनिवर्सिटी ग्रेज्युएट स्कूल ऑफ़ मेडिकल साइंस ,जापान के साइंसदानों के अनुसार यह हार्मोनजो इंसुलिन रेजिस्टेंस के लिए एक ट्रिगर का कम करता है उन लोगों के लीवर द्वारा ज्यादा संशाधित होता है जो टाइप२ डाय -बितीज़ से ग्रस्त होतें हैं बनिस्पत सेहतमंद लोगों के ।
सेल मेटाबोलिज्म में प्रकाशित यह अध्ययन हमारे यकृत के काम करने के ढंग पर कुछ और रौशनी डालता है जिसका प्रकार्य अभी ठीक से समझा नहीं जा सका है .
शुक्रवार, 5 नवंबर 2010
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