'एबिलिटी टू सेल्फ हील मेकिंग वोमेन दी स्ट्रोंगर सेक्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर १ ,२०१० )।
माहिरों को इस बात के प्रमाण मिलें हैं ,क्यों औरतें मर्दों के बरक्स ज्यादा अवधि की उमरिया पूरी करतीं हैं .लोंजेविटी में मर्द को मात देतीं हैं ।
इस आशय के साक्ष्य हैं ,औरतों का शरीर कोशाओं की टूट फूट की बेहतर तरीके से मुरम्मत कर लेता है .भरपाई करलेता है शरीर को हुई नुकसानी का ।
विज्ञान पत्रिका 'साइंटिफिक अमरीकन 'में न्यू -कासल विश्वविद्यालय के टॉम किर्क्वूद तर्क पेश करते हुए कहतें हैं ,बेहतर संततियों के लिए औरतों में इस अतिरिक्त क्षमता का होना लाजिमी भी तो है .अगर कोशा की टूट फूट की क्षति -पूर्ती का अतिरिक्त कौशल औरत के पास न हो तो हेल्दी ऑफ़ -स्प्रिंग्स केपैदा होने पर ही सवालिया निशाँ लग जाए ।
जैविक महत्त्व है आदमी (पुरुष )का ज्यादा दिस्पोज़िबिल होना और औरत से पहले मर जाना .जल्दी अपेक्षाकृत इस दुनिया से कूच कर जाना .शरीर तो वैसे भी दिस्पोज़िबिल है .दर्शन की ज़बान में नाशवान है .जींस अमर बने रहतें है,दूसरी पीढ़ी को अंतरित हो जातें हैं .सहज ही चले आतें हैं .इसीलिए कहा गया -माँ पर पूत पिता पर घोड़ा ,बहुत नहीं तो थोडंम थोड़ा ।
किर्क्वूद के शब्दों में' एजिंग इज नोट द्रीविन बाई ए क्लोक ' एजिंग (बुढ़ाने की प्रक्रिया )का सम्बन्ध जीवन खण्डों ,जीवन -इकाइयों ,क्वांटम ऑफ़ लाइफ यानी जींस से है .यही जींस विनियमन करतें हैं टूट -फूट की मर्रम्मत करलेने ,कायम रखने का शरीर तंत्र को .शरीर की नुकसानी तो अपरिहार्य है ही .सेल्स को आखिर ऊर्जा चाहिए .इस एनर्जी उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान ही तो 'फ्री -रेडिकल्स 'पैदा हो जातें हैं ,रासायनिक प्रक्रियाओं के उप -उत्पाद के बतौर ।
फ्री -रेडिकल्स से होने वाली नुकसानी कोशा -डी एन ए (सेल -डी एन ए )या फिर कोशा झिल्ली (सेल मेम्ब्रेन ) को ही जख्मी कर देती है ,जिसकी क्षति -पूर्ती ज़रूरी होती है ।
लेकिन एजिंग पहले से तयशुदा भी नहीं होती क्योंकि जींस में भी संशोधन संभव है .एजिंग इज नोट प्री -प्रोग्रेम्द एज दी जींस that repair cells can be modified .
The gap between men's and women 's life expectancy has actually been closing in this country and is now 4.2 years (a narrowing of six years over the past 27 years ).
A boy born today lives to an average 77.7 years ,compared with a girl ,who would be expected to reach 81 .9.
The differential may be due to higher rates of heart disease and risk taking in men ,oestrogens have protected women from heart disease .But this would still fit with kirkwood's theory as these factors could influence how maintenance genes are expressed .
"It's important to understand what influences longevity -how much is societal and could it disappear ?
सोमवार, 1 नवंबर 2010
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5 टिप्पणियां:
रामचंदर ने शम्बूक को मारा था वह जगह बता सकता है कौन ?
वहां भी एक मजलूम का मंदिर बना सकता है कौन ?
पग पग मंदिर जुल्मियों के बने हों जहाँ
वहां इंसाफ का मंदिर बना सकता है कौन ?
रामचंदर ने शम्बूक को मारा था वह जगह बता सकता है कौन ?
वहां भी एक मजलूम का मंदिर बना सकता है कौन ?
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वहां इंसाफ का मंदिर बना सकता है कौन ?
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