एक महत्वपूर्ण और विस्तृत अध्ययन के मुताबिक़ संशाधित खाद्य बनाने वाली कम्पनियों पर ज्यादा नमक स्तेमाल न करने की पाबंदी आयद करने से दुनिया भर में दिल की बीमारियों के मामलों में २० फीसद की गिरावट आ सकती है .नमक कम खाने की सलाह देने से कुछ ख़ास होने वाला नहीं है .तमाम तरह के फास्ट फूड्स निर्धारित न्यूनतम सुरक्षित मात्रा से दो गुने से भी ज्यादा सोडियम क्लोराइड का स्तेमाल कर रहें हैं .इनमे रेडीमेड पीजाज़ से लेकर सैन -विचिज़ आदि सभी शामिल हैं ।
जर्नल हार्ट में अध्ययन की रिपोर्ट छपी है .साल्ट महज़ स्वाद बढाने के लिए झोंका जा रहा है तमाम तरह के जंक फूड्स में .साल्टी -नेस कोई इंडिकेटर नहीं है .नमकीनियत ज़रूरी भी नहीं है ।
निर्धारित मात्रा रोजाना ५ग्रेम साल्ट्स की रखी गई है ।
भारत में औसतन एक व्यक्ति रोजाना ८.५ ग्रेम नमक खा लेता है .नमकीन खाने वालों की बात ही और है .उस चीज़ के साथ लोग दबाके नमकीन खातें हैं जो सोडे के साथ ली जाती है .
रविवार, 7 नवंबर 2010
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