शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

कैंसर के लिए कुसूरवार जीन (जीवन -इकाई )की शिनाख्त .....

अब कैंसर की शिनाख्त (रोग निदान को आरंभिक चरण में ही पुख्ता किया जा सकेगा ।) आसान और जल्दी हो सकेगी .कैंसर को हवा देने वाली एक जीवन -इकाई (जीवन खंड ,क्वांटम ऑफ़ लाइफ ) का साइंसदानों ने पता लगा लिया है .अब इलाज़ की नै तरकीबों के संग साथ रोग निदान की दिशा में भी नै किटें तैयार की जा सकेंगी .अब कैन्सर को आरम्भिक चरण में ही रोककर इलाज़ को ज्यादा कारगर बनाया जा सकेगा ."मुय -टेक टेह ऑफ़ डी इंस्टिट्यूट ऑफ़ देन्तिस्ट्री ",बार्ट्स कैम्पस तथा लन्दन स्कूल ऑफ़ मेडिसन एंड देन्तिस्ट्रीके रिसर्च्दानों ने पता लगाया है ,एक जीवन इकाई "एफोएक्सएम१ "है जो कलम कोशाओं के जन्मजात गुण "सेल्फ रिन्यूवल "का पूरा -पूरा दोहन कर लेती है .बस इसी वजह से कोशायें बे -लगाम हो वंशवृद्धि करने लगती हैं .एक्सेसिव सेल्फ प्रोलीफरेशन को यही जीन प्रेरित करती है .कैंसर कोशा मरना ही तो भूल जाती है और बस ट्यूमर बनता -बढ़ता चला जाता है ।
यानी एफ़ोएक्सेम१ ही कोशाओं की एब्नोर्मल ग्रोथ की वजह बनती है .यही नींव रखती है "हाई -पर -प्लेज़िया" की .हाई -पर प्लेज़िया इज एन अर्ली हाल मार्क ऑफ़ प्री -कैंसर ।
दिस इज थाट टू रिप्रेजेंट दी वेरी फस्ट स्टेप ऑफ़ ए सीरीज ऑफ़ एब्नोर्मल मोलिक्यूलर इवेंट्स लीडिंग टू कैंसर फोर्मेसन .

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