साइकिक हीलर्स के बारे में आपने सुना होगा .कुछ लोग मृत आत्माओं से संवाद भी कर लेतें हैं ,विलक्ष्ण होता है इनका दिमाग ,रहश्या-पूर्ण बातों को जान लेने में समर्थ .ऐसे ही लोगों के बारे में कह दिया जाता है -इनके पास साइकिक पावर्स हैं .ये लोग दूसरे के दिल औ -दिमाग में क्या चल रहा है ,जान लेतें हैं ,भविष्य दर्शन भी कर लेतें हैं ।
यहाँ तक तो ठीक लेकिन यदि कोई कहे -आइन्दा साइकिक कम्प्यूटर्स भी हमारे बीच होंगे तब आपको कैसा लगेगा ।
विज्ञानी इसी संभावना की पड़ताल कर रहें हैं ।
विज्ञानियों ने दिमाग को बांचने की ,जान ने समझने की तरकीब ,आपके दिमाग में क्या चल रहा है -ब्रेन स्केन उतार कर पता लगा ली है .तब क्या आपके तस्सवुर का भी जायजा लिया जा सकेगा .क्या कुछ किस पल आप सोच रहें हैं याद कर रहें हैं .आपके औत्सुक्य (इंक्साइतीज़ )की क्या वजूहातें हैं ,जाना जा सकेगा ?
दिमागी रासायनिक सक्रियता (ब्रेन एक्टिविटी )को क्रूड वीडियो -फुटेज में तब्दील कर लेने में विज्ञानी काम याब रहें हैं .धुंधला धुंधला ही सही मानसिक कुहाँसा ही सही विज्ञानी समझ देख सकें हैं ।
तब क्या ऐसे लोगों के दिलो दिमाग में जो बोल नहीं सकते चल फ़िर नहीं सकते क्या चल रहा है यह समझ बूझकर इनके साथ संवाद का एक ज़रिया बनाया जा सकता है .एक साथ अनेकानेक संभावनाओं के क्षितिज उजागर हुए हैं ।
ख्वाब में क्या देखा था आपने ,अपराध के वक्त एक चस्म -दीद ने क्या देखा उसे याद दिला कर क्या पोलिस के हाथ मजबूत किए जा सकेंगे .इस बात की संभावना पैदा ज़रूर हो गई है ।
लेकिन साथ ही एक ख़तरा पैदा हो गया है -होलीवुड फ़िल्म "माइनोरिटी रिपोर्ट "की तरह आपके निजी जीवन की पड़ताल आपके मन की बात जान कर की जा सकेगी ।
ऐसे में आपकी निजता का ,प्राइवेसी का क्या होगा ,आपका अंतस भीतर बाहर सब सार्व जनिक हो जाएगा ।
तमाम तरह की वैयेक्तिक इंक्साइतीज़ का खुला सा हो जाएगा ।
आपको ख़बर भी नहीं होगी ।
फंक्शनल मेग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग के ज़रिये ठीक उस समय एक प्रयोग के तहत विजानियों ने दो मरीजों की दिमागी रासायनिक हलचल का जायजा लिया जब दोनों वीडियो देख रहे थे ।
(ऐ कंप्यूटर प्रोग्रेम वाज़ यूस्ड तू सर्च फॉर लिंक्स बिटवीन दी कन्फ्युग्रेशन ऑफ़ शेप्स ,कलर्स एंड मूवमेंट्स इन दी वीदिओज़ एंड पेत्रंस ऑफ़ एक्टिविटी इन दी पेशेंट्स विज्युअल कोर्टेक्स ।)
फाइनली दी सॉफ्ट वेअर वाज़ यूस्ड तू मोनिटर दी तू पेशेंट्स एज दे वाच्द ऐ न्यू फ़िल्म एंड तू रिप्रोड्यूस वाट दे वर सी -इंग बेस्ड ओं दे -आर न्यूरल एक्टिविटी एलोन ।
अप्रत्याशित तौर पर कंप्यूटर प्रोग्रेम फिल्म्स का लगातार (आ -सतत ,कंटिन्युअस )फूटेज दिखलाने में कामयाब रहा .हालाकि छवियाँ थोडा धुंधलाई हुई ज़रूर थीं ,लेकिन उससे क्या ।
यु कूद युस ईट तू ट्रांसमिट दी इमेज तू समवन .तब क्या ब्रेन स्केनर्स की आज़माइश कैदियों पर भी की जायेगी .?दूर से भी दिमाग की हल चल जानी जा सकेगी .अमरीकी प्रति रक्षा एजेंसीज इस दिशा में शोध को आगे बढ़ा रहीं हैं ।
सन्दर्भ सामिग्री :-"साइकिक "कंप्यूटर देत कैन रीड माइंड्स (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर २ ,२००९ ,पृष्ठ १३ )
प्रस्तुति :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
सोमवार, 2 नवंबर 2009
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