रविवार, 22 नवंबर 2009

गर्म होने पर ही प्रभावी होती है -आयरन (बिजली की प्रेस )

कलफ लगें हों या साधारण ,सूती हों या फ़िर गर्म हाट आयरन ही निकालती है कपड़ों की शिकन .यूँ ठंडा लोहा भी काम कर सकता है लेकिन गर्म होने पर लोहा (बिजली की प्रेस )आयरन मुलायम हो जाता है .कपड़े पर आराम से आगे पीछे घुमाया जा सकता है ,मन मुताबिक़ कम या ज्यादा ,मोड़ा जा सकता आयरन करने के दौरान ।
असलमें बिजली से सम्पर्कित करने या फ़िर कोयले से गर्म करने पर आयरन साफ्ट हो जाता है ,इसके अणु तेज गति करने इधर उधर हर दिशा में .(रेंडम मोशन बढ़ जाता है लोहे में ,जिसकी वजह से लोहा नम्यहो जाता है ,गादुले लुहार और हमारे पुराने कारीगर लुहार आदि इस तथ्य से भली भाँती वाकिफ थे .ये लोग तरह तरह के हथियार अन्यलोह पात्र उपकरण आदि बना लेतें हैं ,अंग्रेज़ी में मुहावरा है -बेंड दी आयरन व्हेन हाट .)

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