रविवार, 1 नवंबर 2009

छुई -मुई का पौधा छूते ही मुरझा जाता है ,क्यों ?

मिमोसा पुडिका की पंखुडी -याँ छूते ही या तो अपने डंठल से लटकी पखुडी -नुमा कपाट बंद कर लेतीं हैं या फ़िर एक सुरक्षात्मक उपाय के बतौर नीची को झुककर अपने कंटीले ब्लेड्स से आ बैठे लोकस्ट (तिदा ,टिड्डी आदि कीटों को )विकर्षित कर देतीं हैं ।
अक्सर किसी नाज़ुक मिजाज़ मौतरमा को "छुई -मुई "कह दिया जाता है ,नेनू की नाक भी
सवाल उठता है -आख़िर किसी कीट पतंग के आ बैठने या फ़िर मानवीय स्पर्श से पत्तियाँऊपर की और सिमट कर बंद क्यों हो जातीं हैं .क्यों इतना स्पर्श संवेदी होता है यह पौधा (वानस्पतिक नाम "मिमोसा पुदिका ",यानी छुई मुई ?
दरअसल शरीर में मौजूद अभिग्राही स्पर्श करने पर अनुकिर्या करतें हैं .(बाडी रिसेप्टर्स रेस्पोंद तू टच

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