स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक़ उत्तरी केरोलिना में चार लोगों में जांच के बाद एच१ एन१ विषाणु की ऐसी किस्म मिली है जिस पर तेमिफ्ल्यु असर कारी साबित नहीं होती है .ये चारोंइसी किस्म के साथ पाजिटिव हैं .,खून की जांच के बाद यह पुष्ट हुआ है .ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में गत ६ सप्ताहों में यह अब तक का सबसे बड़ा समूह है ।
स्वाइन फ्ल्यू के विरुद्ध प्रभावी रहने वाली दो दवाओं में से "टेमी -फ्ल्यू "एक असर कारी दवा रही है .स्वास्थ्य अधिकारी इस बात पर निगाह रखे हुए हैं ,कहीं वायरस एच१ एन१ अपना बाहरी कोट बदल कर म्युतेत (उत्परिवर्तित )तो नहीं हो रहा है ?आख़िर दवा बे -असर क्यों और कैसे हो रही है ?
अप्रैल २००९ से लेकर अब तक दुनिया भर में ५० मामले स्वाइन फ्ल्यू के दवा रोधी (तेमिफ्ल्यु -रेज़िस्तेंत )पाये गए हैं .
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