ना लीवर सिरोसिस का ख़तरा ना हेंग ओवर ना सोसल स्टिग्मा -बस तीन साल इंतज़ार कीजिए -सिंथेटिक एल्कोहाल का .,कृत्रिम शराब का -यह कहना है प्रोफेसर डेविड नट का.(यु के गमेंट ड्रग जार का )।
मजेदार बात यह है इस नशे को जल्दी से उतारा भी जा सकता है ,एंटी डॉट है इसका ।
जबकि एक बार सेवन कर लेने के बाद एल्कोहल हमारे शरीर में कुछ घंटा अपनी मौजूदगी दर्ज करवाता रहता है ।
यानी सुरूर भी और सेहत को कोई नुकसानी भी नहीं ।
सिंथेटिक एल्कोहल के एक प्रोटो -टाइप पर डेविड नट काम जारी रखें हैं ,स्वयंसेवियों पर परिक्षण भी चल रहें हैं ।
इसके एक आंशिक विकल्प की आज़माइश भी करके देख ली गईं हैं ।
ये व्ही डेविड नट हैं जिन्होनें कहा था -एक्सटेसी शराब की बनिस्बत निरापद है .इस वक्तव्य के लियें आपको "इन्दिपेन्देन्त एडवाइजरी कोंसिल आन दी मिसयूज़ आफ "
मुखिया की पोजीशन से हाथ धोना पडा था ।
बकौल आपके फिलवक्त एल्कोहल विषाक्तता से पार पाना मुश्किल है ,आपको कुछ घंटा इंतज़ार करना ही पडेगा ,जबतक ,शराब आपके सिस्टम से बेदखल कुदरती तौर पर ही ना हो जाए ,चिकित्सा इस स्तिथि में कुछ भी नहीं की जा सकती ।
लेकिन सिंथेटिक बूज की एंटी डॉट अविलम्ब उपलब्ध होगी .इस बात का पता लगा लिया गया है ,एल्कोहल किस तरह से हमारे दिमाग को असर ग्रस्त बनाता है ,इन दिमागी हिस्सों को लक्षित करके समाधान ढूंढ लिया जाएगा ।
एक आज़माइश के तहत एक स्वयं सेवी को वेलियम से मिलता जुलता एक पदार्थ दिया गया ,आप जानतें हैं "वेलियम एक सिदेतिव (उपशामक ,चित्त का शमन करने वाला पदार्थ है )जिसका .उत्तर प्रभाव बिल्कुल शराब के सेवन जैसा ही पाया गया .मजेदार बात यह है जल्दी ही स्वयं सेवी को इस स्तिथि (सुरूर ,शराब के नशे से )बाहर भी निकाल लिया गया ,एंटी -डॉट देकर ।
सन्दर्भ सामिग्री :-सिंथेटिक बूज फॉर ऐ हाई सेंस हेल्थ रिस्क्स (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ११, २००९ ,पृष्ठ २१ )
प्रस्तुति :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
गुरुवार, 12 नवंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें