आधुनिक विज्ञान अब मानवीय संवेगों की तोह लेने की दिशा में भी अग्रसर है ,ब्रितानी विज्ञानियों ने अब डर तोहक तैयार कर लेने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है -तैयार कर रहें हैं एक "फीअर डिटेक्टर "।
डर का सुराग हमारे पसीने में छिपा रहता है ।
जब आदमी खौफ ज़दा होता है तब उसके पसीने में एक सेंटसिग्नल फेरोमोन पैदा होने लगता है -प्रस्तावित विकासमान युक्ति इसी सेंट सिग्नल को ताड़ लेगी .सिटी यूनिवर्सिटी लन्दन के चिकित्सा कर्मी इसी दिशा में काम कर रहें हैं ।
आतंकी हों या तस्कर ,धुर -अपराधी सबके दिलोदिमाग पर खौफ का साया कहीं ना कहीं बरपा रहता ही है .भले ही वह बाहर से शांत दिखें .यहाँ तक ,बिना टिकिट यात्री भी डरा सहमा रहता है टिकिट चेकर (गार्ड कंडक्टर )को देख उसकी हवाई उड़ने लगती है -बॉडी लेग्विज की तरह शरीर की गंध पसीने से रिसने वाला फेरोमोन सब कथा कह देता है ।
सन्दर्भ सामिग्री :-कमिंग सून: ऐ डिवाइस देत स्मेल्स ह्यूमेन फीअर (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर ३ ,२००९ ,पृष्ठ १७ )
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
मंगलवार, 3 नवंबर 2009
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