ग्लेक्सो स्मिथ क्लाइन पी एल सी और नबी बायो -फार -मासितिकल्स मिलजुलकर अब एंटी -स्मोकिंग वेक्स्सींस पर काम कर रहें हैं .नबी "निच्वेक्स "नाम से एक वेक्स्सीन तैयार कर रही है .यह वेक्स्सीन हमारे रोग रोधी तंत्र से एंटी -बोदीज़ तैयार करवाएगी जो निकोटिन से आबद्ध हो जायेंगीं .ऐसा होने पर निकोटिन अणु दिमाग तक पहुँच ही नहीं पायेंगे .ऐसे में सुरूर (मौज मस्ती )का एहसास ही नहीं होगा स्मोकर्स को .यही कुंजी है -सिगरेट छुडाने की ।
आजमाइशों से पता चला है ,एंटी -स्मोकिंग सुइयां लगवाने वाले स्वयं सेवियों में से आधे ही दोबारा इस लत की गुलामी कर पातें हैं .आधों को इस लत से छुटकारा मिल जाता है ।
निकोटिन पेच से लेकर बाबिल-गम्स तक तमाम तरह के उपाय इस लत से छुटकारे के लिए आजमाए जा रहें हैं ,कामयाबी सबमे जुदा जुदा है ।
रोक विले मेरिलेंड की दवा कम्पनी "नबी ""निच्वेक्स "एक नैदानिक परिक्षण संपन्न कर लेने के करीब है .दूसरे परिक्षण की तैयारी है ।
आजमाइशों की कामयाबी के बाद ही "रेग्युलेटर्स "से ,विनियामकों से ,सुइयों के आम स्तेमाल की स्वीकृति मिलेगी ।
अमेरिकन लंग असोसिएशन के मुताबिक़ धूम्र पान छोड़ने के एक साल बाद ही ९० फीसद लोग दोबारा इसकी गिरिफ्त में चले आतें हैं ।
यदि उक्त जेब्स, निकोटिन रोधी सुइयां ,काम- याब रहती हैं तब दुनिया भर में यक़ीनन लाखों लोगों को तम्बाखू जनित (स्मोकिंग रिलेटिड )मौत से बचाया जा सकेगा ।
सन्दर्भ सामिग्री :-ऐ वेक्स्सीन तू हेल्प स्मोकर्स किक दी बट (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर १८ ,२००९ ,पृष्ठ २३ )
प्रस्तुति :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
बुधवार, 18 नवंबर 2009
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