एक ३५ माइल रिफ्ट इथियोपियाई रेगिस्तान में जो दिखलाई दिया है वह देर सवेर एक समुन्दर में तब्दील हो सकता है ,भू -विज्ञानियों ने हालत का जायजा लेने के बाद ही यह प्रागुक्ति की है ।
रिफ्ट या फाल्ट का मतलब है -पृथ्वी की भू -पर्पटी में चट्टानी परतों का विस्थापन ,ऐसा स्ट्रेस के प्रति एक अनुकिर्या के तहत ही होता है ,फल्ताया फाल्ट लाइन के दोनों ओर चट्टानों की सतत ता टूट जाती है ,एक फटन या फ़िर दरार से .इसे ही रिफ्ट कहा जाता है इथियोपियाई रेगिस्तान में ऐसी ही रिफ्ट दिखलाई दी है कई देशों के विज्ञानियों ने इस बात की पुष्टि की है ,इस रिफ्ट के नीचे ठीक वैसी ही ज्वालामुखीय प्रक्रियाएं जारी हैं जैसी दुनिया भर के समुन्द्रों के नीचे चलतीं हैं .ऐसा प्रतीत होता है ,यह रिफ्ट एक नए समुन्दर का आगाज़ है ,ऐसा हो भी सकता है ।
अध्धययन के मुताबिक अति सक्रीय ज्वालामुखीय सीमायें टेक्टोनिक ओशन प्लेट्स के सिरों के गिर्द अचानक टूट कर विशाल अनुभागों में विभक्त हो सकतीं हैं ,ना की धीरे धीरे जैसा अब तक सोचा जा रहा था ।
(इन एडिशन सच सदन लार्ज स्केल इवेंट्स ओंन लैण्ड पोज़ ऐ मोर सिरिअस हेजार्ड तू पोपुलेसंस लिविंग निअर दी रिफ्ट देन वुड सेवरल स्मालर इवेंट्स ,सेड सिंडी एबिंगेर प्रोफेसर ऑफ़ अर्थ एंड एन्वायरन्मेंट साइंस -इस अत दी यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोचेस्टर एंड कोऔथर ऑफ़ दी स्टडी ।)
अद्दिस अबा- बा यूनिवर्सिटी (इथियोपिया )में प्रोफेसर अतालय एले के नेत्रित्व में २००५ की उस घटना से सम्बद्ध भू -कम्पीय आंकडे जुटाए गए हैं जिसके तहत देखते ही देखते केवल २ दिनों में ही २० फीटचौडी रिफ्ट पैदा हो गई थी ।
आपने कब कब इस क्षेत्र में भू कंप आए इसका पूरा जायजा लेकर एक पूरा खाका तैयार किया .एबिंजर द्वारा संपन्न विस्तारित विश्लेषण से इनकी संगती बैठती है ।
(दी मेप ही द्र्युऊ ऑफ़ वें न एंड वे -आर अर्थ क्युएक्स हेपिंद इन दी रीज़न फिट त्रीमन्दासली वेळ विद दी मोर डिटेल्ड एनालिसिस एबिंजर हेज़ कन्दक्तिद इन मोर रीसेंट ईयर्स ।)
एले ,स द्वारा घटनाओं की पुनर -संरचना (रिकंस्त्रक्षण )से एक बात साफ़ है -रिफ्ट दीर्घावधि में रफ्ता रफ्ता तेम्ब्लोर्स (भू -कम्पों )ने नहीं बनाई है ,चंद दिनों में देखते देखते ही यकायक बनी है .ऐसा पूरी ३५ मील लम्बाई में एक साथ हुआ है .यानी ३५ मील लम्बी रिफ्ट एक साथ पैदा हुई है ।
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