६०० केलोरीज़ ले उड़ता माँ से नवजात स्तन पान के ज़रिये ,इसलिये वजन कम करना है तो बच्चे को स्तनपान करवाइए तब तक जब तक दूध बनता है ।
दादी नानियाँ कहतीं थीं -शिशु को सलीके से आंचल में ढक ढांप छिपाकर स्तन पान करवाओ ताकि किसी की नजर ना लगे .एक स्वस्थ माँ को एक घडा भर दूध उतरता है .कालिदास ने नवप्रसूता को पीनास्तनी कहा है ।
दीर्घावधि अध्धय्यनों से सिद्ध हुआ है -स्तनपान वजन कम करने का बेहतरीन साधन है महज मिथ नहीं है ।
स्तन पान के दौरान माँ की मेटाबोलिक रेट्स (रेत ऑफ़ बर्निंग केलोरीज़ )बढ़ जाती है ।
हर हफ्ता एक पोंड तक वजन कम हो जाता है स्तनपान करवाने वाली माँ का ।
नार्थ केरोलिना विश्व -विद्य्यालय,ग्रीन्सबोरो में पोषण विज्ञान की प्रोफेसर चेरय्ल लव लेडी उक्त तथ्य की पुष्टि करतीं हैं ।
मजेदार बात यह है ये औरतें ना तो किसी प्रकार की डा -इटिंग ही करतीं हैं उल्टे रोजमर्रा की खुराख से ५०० केलोरीज़ फालतू ही लेतीं हैं ताकि पर्याप्त मात्रा में दूध बनता रहे ।
अब सवाल पैदा होता है -क्या स्तनपान वेट लोस को पंख लगा देता है ,तेज़ी से घटता है वजन स्तनपान करवाने से ?
कोई सीधा सपाट ज़वाब नहीं है इस सवाल का .कई बातें हैं जो तय करतीं हैं वजन की घटबढ़ को ।
गतवर्ष ३६००० डेनमार्क की महिलाओं पर एक अध्धय्यन इसी बात की पड़ताल के लिए किया गया .जिस महिला ने अधिक अवधि तक (०-२ वर्ष के दरमियान )उत्तर्प्रसव(पोस्ट पर -तं म ) और कम अन्तराल से हर रोज़ स्तन पान करवाया ६ महीने के बाद उनके वजन में ज्यादा कमी दर्ज की गई .इस के अलावा इस बात को भी मद्दे नजर रखा गया ,क्या गर्भावस्था से पूर्व महिला का वजन आदर्श कद काठी के अनुरूप निर्धारित भार से अधिक था ,गर्भ धारण की तैयारी के दरमियान उसका वजन कितना था ?ये तमाम घटक मिलकर ही अन्तिम निष्कर्ष तक ले जातें हैं ,किसको कितना फायदा हुआ ,किसका कितना वजन कम हुआ ।
कोर्नेल में प्रोफेसर कथ्लीन रासमुस्सेन भी उक्त तथ्य की पुष्टि करतीं हैं ।
सन्दर्भ सामिग्री :-ब्रेस्त्फीदिंग हेल्प्स बर्न केलोरीज़ (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,नवम्बर १३ ,२००९ .पृष्ठ १७ )
प्रस्तुति :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
शनिवार, 14 नवंबर 2009
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