जिंदा शूकरसे चंद कोशिकाएं लेकर पेत्रिदिश में तैयार कर लिया गया है "सोगी पार्क "(गीला वेस्तिद मसल तिस्यु सा शुकर maअंस ).पशुओं के प्रति दया भाव रखने वाली उन्हें क्रूर्व्यव्हार से बचाने वाली संस्था "पेटा"ने इस प्रकार तैयार मीत का स्वागत किया है ।
आइन्दा पाँच सालों में इस गोश्ततरह तरह की चटनियाँ (सौसेज़िज़ )तथा संसाधित अन्यउत्पाद भी तैयार किए जा सकेंगे ।
विज्यानियों ने इस गोश्त को तैयार करने के लिए एक जीवित शूकर की पेशियों से कुछ कोशिकाएं लेकर इन्हें अन्य पशु उत्पाद शोरबे में पनपने के लिए रख छोड़ा .देखते ही देखते कोशिका द्विगुणित होकर पेशी ऊतकों में तब्दील हो गईं ।
नीदर्लेन्ड की इस शोध टीम के मुताबिक़ अब केवल एक पशु के गोश्त से टनों गोश्त तैयार किया जा सकेगा .इस प्रकार लाखों पशुओं एक नया और अनोखा जीवन दान मिलेगा यह कहना है एंधोवें यूनिवर्सिटी के मार्क पोस्ट का .आप के नेत्रित्व में ही नीदर्लेन्ड सरकार से अनुदान प्राप्त राशि से यह शोध कार्य आगे बढाया जा रहा है ।
अलबत्ता अभी तैयार गोश्त की गुणवत्ता का जहाँ तक सवाल है यह गोश्त सोगी है (वेट एंड अन्प्लेसेंज़ ला -इक वेस्तिद मसल तिस्यु )।
अलबत्ता इस अनुसंधान का पर्यावरण की दृष्टि से भी बड़ा महत्व है .पशु ग्रीन हाउस गैसों का एक पर्मुख स्रोत हैं .२०५० तक जहाँ गोश्त की खपत दोगुनी हो जायेगी वहीं ग्रीन हाउस गैस एमिशन में पशुओं का योगदान पहले ही १८ फीसद है कुल उत्सर्जन का .क्रत्रिम (प्रयोगशाला में तैयार किया गया गोश्त )गोश्त अतिरिक्त ग्रीन हाउस गैसों से निजात दिलवा सकेगा ।
इससे पहले भी न्युयोर्क में गोल्ड फिश मसल से "फिश फिलेट्स "(बोन लेस वाईट मीत फ्रॉम फिश )तैयार किए गए हैं इस प्रकार एक रास्ता खुल गया है प्रयोग शाला में चिकिन बीफ और लेम्ब तैयार करने का .
सोमवार, 30 नवंबर 2009
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