कार्बन क्रेडिट एक परमिट का नाम है .जिसके पास एक कार्बन -क्रेडिट होता है वह एक टन कार्बन डाय-ओक्स्साइड गैस खुले माहौल (ओपन एन्वायरन्मेंट ) में निसृत कर सकता है अपने उद्योगिक प्लांट से ,किसी अन्य उत्पादन संयंत्र से ।
कार्बन क्रेडिट्स उन कम्पनियों या पर्यावरण समूहों को पुरूस्कार स्वरूप प्रदान किये जातें हैं जो अपने तै ,अपने लिए किसी सरकारी अथारिटी द्वारा स्वीकृत ,मंज़ूर शुदा कोटे से कम कार्बन डाय -ओक्स्साइड,इतर ग्रीन हाउस गैसें (जी एच जीज़ ) पर्यावरण में छोड़तें हैं ।
कार्बन क्रेडिट्स को अंतर -राष्ट्रीय -खुले बाज़ार में वर्तमान दर पर बेचा जा सकता है ।
क्योटो -प्रोटोकोल के साथ ही 'कार्बन -क्रेडिट सिस्टम 'अस्तित्व में आया था .इसे अंतर -राष्ट्रीय स्वीकृति मिली थी इस प्रणाली का एक मात्र लक्ष्य कम्पनियों और समूहों,मुल्कों द्वाराउत्सर्जित दिनानुदिन बढ़ते कार्बन -डाय -ओक्स्साइड के स्तर को लगाम लगाना है ।
मान लीजिये एक एनवायरन -मेंटल समूह इतने अधिक पेड़ उगाता है ,जो माहौल से एक टन कार्बन -डाय -ओक्स्साइड सोख लेतें हैं तब उसे पुरूस्कार के बतौर एक कार्बन -क्रेडिट दिया जाएगा ।
अब मान लीजिये एक स्टील कम्पनी को दस टन का एमिसन कोटा स्वीकृत हुआ है लेकिन कम्पनी का अनुमान है ,एमिसन ११ टन हो जाएगा ,तब वह उक्त कार्बन -क्रेडिट को नकदी चुका कर खरीद सकेगा .,उक्त पर्यावरण समूह या कहीं और से भी ।
अंतिम लक्ष्य इस प्रणाली का उत्सर्जन को एक स्तर पर रोक देना है .मुल्कों को अपने स्वीकृत कोटा के तहत रहना चाहिए .स्वीकृत कोटे से कम उत्सर्जन करने वाले समूहों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाता है .
रविवार, 25 अप्रैल 2010
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