जीवन भर वफादारी और साथ निभाने की शपथ सप्त -पदी के मौके पर लेने के अलावा दाम्पत्य को सुखमय बनाए रखना फायदे की चीज़ है .सेहत के लिए फायदे मंद है सुखमय दाम्पत्य ।
तेल अवीव यूनिवर्सिटी में संपन्न एक रिसर्च के मुताबिक़ सुखमय दाम्पत्य और स्ट्रोक के जोखिम के बीच परस्पर एक अनुसंबंध की पुष्टि होती है ।
प्रोफ़ेसर उरी गोल्दबौर्ट कहतें हैं वैवाहिक जीवन की ख़ुशी स्ट्रोक के जोखिम को कमतर करती है .गैर शादीशुदा अकेले जीवन यापन करने वाले सिंगिल मेंन के लिए जहां स्ट्रोक का खतरा ६४ फीसद ज्यादा बना रहता है शादीशुदा मर्द के बरक्स वहीँ दाम्पत्य संबंधों में खटपट ,कडवाहट भी इस खतरे को ६४ फीसद बढा देती है बनिस्पत उन दम्पत्तियों के जिनके जीवन में खुशहाली है ,अच्छा तालमेल है ,रिदम है ,लय और मिठास है ।
जहां तक संभव हो वैवाहिक जीवन को भरा पूरा संपुष्ट बनाइये .स्ट्रोक से बचे रहने का बेहतर तरीका है सफल दाम्पत्य ,सुखकर वैवाहिक जीवन ।
सन्दर्भ सामिग्री :'हेपी मैरीजीज़ प्री -वेंट फेटल स्ट्रोक्स इन मेंन (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल १० ,२०१० )
शनिवार, 10 अप्रैल 2010
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