शनिवार, 24 अप्रैल 2010

यौनेच्छा को कम कर सकतीं हैं -अवसाद और गर्भ -रोधी दवाएं .

औरत के यौन -स्वास्थ्य से ताल्लुक रखने वाली आलमी संस्था 'इंटर -नेशनल सोसाइटी फॉर दी स्टडी ऑफ़ वूमेंस सेक्स्युअल हेल्थ 'के मुताबिक़ इन दिनों युवतियों में अपनी सेक्स परफोर्मेंस को लेकर निराशा व्याप्त है .लिबिडो की कमी अपराध -भावना (गिल्ट फीलिंग्स )को भी बढा रही है ।
अवसाद कम करने वाली 'एंटी -दिप्रेशेन्ट्स दवाएं 'तथा गर्भ -निरोधी गोलियों को यौन -इच्छा में कमी के लिए दोषी पाया गया है ।
ओब्स्तेत्रिक्स और गाय्नेकोलोजी (स्त्री -रोग और प्रसूति से ताल्लुक रखने वाली विज्ञान पत्रिका ) के २००८ अंक में १८ -४४ साला औरतों पर संपन्न एक अध्धययन की रिपोर्ट छपी थी .इसमें ३१,००० युवतियां शामिल थीं ।
पता चला १० में से एक युवती हाइपो -एक्टिव सेक्स्युअल डिजायर दिस- आर्डर ,लो -लिबिडो यानी यौनेच्छा में कमी से ग्रस्त थीं .खुद से शर्मिन्दा थीं अपराध बोध तले पिस रहीं थीं ।
दिस्फंक्ष्नल रिलेशन -शिप ,दवाब और अवसाद को आम तौर पर यौनेच्छा में कमी के लिए कुसूरवार पाया जाता है ,लेकिन अक्सर इसके पीछे अवसाद रोधी ,गर्भ -रोधी दवाएं भी रहीं हैं ।
२००८ में संपन्न उल्लेखित अध्धय्यन में शामिल तकरीबन आधी महिलाओं में कोई ना कोई सेक्स्युअल -दिस -ऑर्डर पाया गया है ।
अपने से आजिज़ आ चुकी इन महिलाओं को तवज्जो की ज़रुरत है जिनकी आज कोई नहीं सुनता ।
सन्दर्भ -सामिग्री :एंटी -दिप्रेशेन्ट्स, पिल्स कट डिजायर इन वूमेन (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल २४ ,२०१० )

कोई टिप्पणी नहीं: