'बूजिंग मे लीड तू प्रीमेच्युओर एजिंग 'शीर्षक उस खबर काहै जो टाइम्स ऑफ़ इंडिया के २३ अप्रैल,२०१० अंक में प्रकाशित हुई है .आइये जाने क्या बतलाया गया है इस रिपोर्ट में जो उस शराब के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर की बात करती है जिसे गत दो बरसों में दिल के लिए अच्छा बतलाया गया है ,बेहद हाइप किया गया है -वाइन को भी .
यह खबर एक नवीन अध्धययन से ताल्लुक रखती है जिसमे बतलाया गया है ,शराब का सेवन बुढापे को आमंत्रित करता है जल्दी बुला लेता है ,तथा कैंसर के जोखिम के वजन को भी बढाता है .इटली की मिलन यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने पता लगाया है शराब आंशिक तौर पर उन कोशिकाओं (कोशाओं या सेल्स ) को नष्ट कर देती है जिनका सम्बन्ध अब वक्त से पहले बुढाने तथा कैंसर से जोड़ा जा रहा है .
पता चला है ,शराब 'तेलोमेरेस'(तेलिओ- मीअर्स ) यानी डी एन ए लड़ियों के सिरों में स्ट्रेस और इन्फ्लामेसन की वजह बनती है ।रिसर्चर्स दिस्कवार्ड देत एल्कोहल कोज़िज़ स्ट्रेस एंड इन्फ्लेमेसन तू तेलिओ -मीअर्स -दी एंड्स ऑफ़ डी एन ए स्त्रेंड्स देत स्टोप्स डेम अन -रेवेलिंग मच लाइक दी एंड्स ऑफ़ शू -लेसिज़ .
तेलोमेरे :(तेलों- मीअर )ईट इज ए रीज़न ऑफ़ डी एन ए एट दी एंड्स ऑफ़ एक्रोमोजोम देत प्रोतेक्ट्स दी स्टार्ट ऑफ़ दी जेनेटिक कोडिंग सीक्वेंस अगेंस्ट शोर्त्निंग ड्यूरिंग सक्सेसिव रेप्लिकेसंस ।
हम जानते हैं उम्र के साथ तेलिओ -मीअर्स के सिरे छीजते चले जातें हैं ,लम्बाई कम होती जाती है ,आखिर कार यह इतना छीज और टूट फूट जाते हैं कि ये नष्ट ही होजातें हैं .एल्कोहल इसी प्रोसिस (प्रकिर्या )को तेज़ कर देता है ।
बेहिसाब से शराब खोरी करने वाले पियक्कड़ों के चेहरे पर झुर्रियां (शिकन )पड़ने लगती है ,चेहरा से थके मांदे ,परेशान और बीमार दिखने लागतें हैं ये लोग .बुढापा जल्दी पैर पसारने लगता है .आँखों के गिर्द काले घेरे साफ़ दिखने लगतें हैं .
तेलिओ- मीअर्स क़ी लम्बाई के कम होने का सम्बन्ध कैंसर से भी साफ़ साफ़ जोड़ा गया है .रिसर्चरों ने बतलाया है ज्यादा ,शराब पीने से तेलोमीअर्स कि लम्बाई के कम हो जानेपर कैंसर के खतरे का वजन भी उसी अनुपात में बढ़ जाता है .
रिसर्चरों न ऐसे २५० लोगों क़ी पड़ताल क़ी है जो रोजाना कमसे कम चार पेग शराब गले के नीचे उतार लेतें हैं .और इनमे से कुछ तो इस से भी ज्यादा शराब का सेवन रोजाना कर रहे थे .यह सभी एक ही आयु के थे .खान पान भी सभी का एक सा था ताकि तेलोमीअर्स क़ी लम्बाई कम करने वाले दूसरे कारकों सेपैदा विक्षोभ से दूर रहा जा सका ।
कार्य स्थल पर बनने वाला दवाब और सब का परिवेश भी यकसां था ।
साफ़ पता चला शराब लेने वालों के तेलोमीअर्स क़ी लम्बाईअप्रत्यासित तौर पर घट जाती है .हेवी ड्रिंकर्स में यह घट कर आधी ही रह गई थी बरक्स नॉन -एब्युज़र्स के ।
इस शोध के नतीजे अमरीकी कैंसर शोध संघ क़ी वार्षिक बैठक के समक्ष पढ़े जा चुकें हैं ।
शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010
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