"कलीनिंग हाउस टाइड तू मोर सेक्स (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल ३ ,२०१० )"
जो दम्पति घर की साफ़ सफाई में अभिरुचि रखतें हैं उनकी सेक्स लाइफ (लव मेकिंग ) भी बेहतर रहती है .यही कहना है डॉक्टर कांस्तांस गगेर का .आप अमरीका की मोंत्क्लैर यूनिवर्सिटी से ताल्लुक रखतें हैं .कारण जब मर्द घरेलू काम काज में हाथ बटाता है ,तब औरत को उसी अनुपात में थोड़ी राहत मिल जाती है ,थोड़ी ऊर्जा भी बची रहती है "सेक्स "के लिए .(जी हाँ बेडो- मीटर से सेक्स एपिसोड में खर्च हुई ऊर्जा का जायजा भी लिया जा सकता है ।).ऐसे में स्वाभाविक तौर पर उनकी अभिरुचि सेक्स में भी हो सकती है ।
यह बात औरत और मर्द दोनों के लिए सही है ."फलसफा है ,साथी हाथ बढ़ाना ,साथी रे ,एक अकेला थक जाए तो मिलकर बोझ उठाना "इसीलियें ना कहा गया है ,औरत और मर्द गृहस्थी के दो पाए हैं ।"
ज्यादा फुर्सत ज्यादा "काम".,दोनों को रहता आराम ।
डॉक्टर गगेर कहतें हैं ,सर्वे से पता चला कूकिंग ,वाशिंग ,लोंद्री करना ,या फिल बिल जमा करवाने जाना ,सभी का काम -संबंधों पर सकारात्मक (सुखात्मक )प्रभाव पड़ता है ।
आप भी आगे आइये ,मिलकर गाइए -साथी हाथ बढ़ाना .......
सन्दर्भ सामग्री :क्लीनिंग हाउस टाइड तू मोर सेक्स (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल ३ ,२०१० )
शनिवार, 3 अप्रैल 2010
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