साइंसदानों ने पता लगाया है ,गर्भवती महिलाओं द्वारा गर्भावस्था के दौरान किया गया धूम्रपान आगे चलकर उनके लाडलों के पुंसत्व को ,फर्टिलिटी को असर ग्रस्त कर सकता है ।
जेस्तेशन पीरियड में भावी -माँ द्वारा किया गया धूम्रपान मेल चाइल्ड के नपुंसकत्व (बांझपन )की वजह बन सकता है .गर्भ काल में भावी -माँ अपने आप को कैसे रखती है उसका एक एहम असर अजन्मे शिशु पर पड़ता है ।
इस अध्धययन के नतीजे 'फिलोसोफिकल त्रान्ज़ेक्संस ऑफ़ दी रोयल सोसायटी बी जर्नल 'में प्रकाशित हैं ।
अध्धययन के मुताबिक़ गर्भावस्था की पहली तिमाही के शुरूआती चंद हफ्ते शिशु की सेहत पर एहम प्रभाव डालतें हैं .इस दौरान पेस्तिसैड्स (नाशी -जीव -नाशी ,पेस्ट -ईसैड्स ) ,ट्रेफिक पोलुशन तथा धूम्रपान का जितना बुरा असर गर्भस्थ पर पड़ता है ,उतना बालिगों पर नहीं पड़ता है .
उक्त सभी में मौजूद विषाक्त पदार्थ (तोक्सिंस ) गर्भस्थ की सर्तोली सेल्स की संख्या घटा सकता है .मेल -गेमीत (स्पर्म्स यानी स्पर्मेता -जू -ओं ,या जर्म सेल्स ) का पल्लवन पोषण यही सर्तोली सेल्स करतीं हैं .बालक के वयस्क होने तक यह सिलसिला चलता है .तब जाकर परिपक्व होता है स्पर्म .डेली मेल में यह रिपोर्ट छपी है .एडिनबरा यूनिवर्सिटी के माहिरों ने दुनिया भर में किये गए उन अध्धयाय्नों की पड़ताल की है जो मेल फर्टिलिटी पर इन पदार्थों के संभावित असर से ताल्लुक रखतें हैं ।
सन्दर्भ सामिग्री :'मोम्स- तू- बी हूँ स्मोक हार्म देयर संस फर्टिलिटी '(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल २० ,२०१० )
बुधवार, 21 अप्रैल 2010
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