कुछ बच्चे बे -हिसाब टेलिविज़न से चिपके रहतें हैं .एक प्रकार से हूकिंग हो जाती है इनकी टेलिविज़न से .ओबसेशन की हद तक ये बुद्धू -बक्से से चिपके रहतें हैं .यही वे नौनिहाल हैं जो स्कूल में कक्षा में उखड़े उखड़े रहतें हैं .किसी भी पाठ की विस्तृत व्याख्याके दौरान इनका ध्यान बारहा भंग होता रहता है .अटेंशन स्पेन घट जाता है .यही कहना है इनके क्लास टीचर का .कुसूरवार है साउंड बाईट टी वी यानी फास्ट पेस ऑफ़ टेलिविज़न ।
फेड ए डा -ईट ऑफ़ साउंड एंड विज्युअल्स ,दीज़ चिल्ड्रन शो ए वेरी शोर्ट अटेंशन स्पेन एंड स्त्र्गिल तू फोकस इन क्लास ।
बारहा अटेंशन लोस ,ध्यान भंग होना इन्हें बा -मुश्किल ही कुछ समझने बूझने के लायक छोड़ता है .साउंड एंड विज़नकी खुराख ना मिलने पर ये एक दम से दिस -रप -तिव हो जातें हैं व्यवस्था को नहीं मानते सब कुछ तहस नहस करने पर उतारू हो जातें हैं ।
वैसे एक मुहावरा है एक फ्रेज़ है -दे -आर इज नो सब्सटेंस तू दे -आर पालिसी -ईट इज आल साउंड बाईट ।
साउंड बाईट किसी राजनेता द्वारा दिया गया कोई संक्षिप्त बयान भी हो सकता है ,कोई छोटी सी टिपण्णी भी .साउंड बाइट्स टी वी चेनल्स द्वारा बारहा दोहराई जातीं हैं ,समाचारों में इनका उल्लेख किया जाता है .भले ही ये टिप्पणियाँ निस्सार हों .
रविवार, 11 अप्रैल 2010
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