रुसी और अमरीकी साइंसदानों की एक टीम ने एक सुपर हेवी एलिमेंट तैयार कर लिया है जिसकी प्रागुक्ति पहले ही कर दी गई थी .अब तक ज्ञात ११८ तत्वों की सारणी में इस गैर हाज़िर तत्व का सीट नंबर (अतोमिक नंबर) ११७ है यानी इसमें प्रोटानों या फिर इलेक्ट्रानों की संख्या ११७ है .अभी इसका नाम करण किया जाना बाकी है .बहर- सूरत ऐसे अभी और भी सुपर्हेवी लेकिन स्टेबिल एलिमेंट्स का ज़िक्र है जिनकी रचना अभी पार्तिकिल एक्सारेलेत्रों से की जानी बाकी है परस्पर ज्ञात कणों की ज़ोरदार टक्कर कराकर ।
ऐसी ही एक ज़ोरदार टक्कर केल्सियम और रेडियो -एक्टिव -बर्केलियम में कराकर यह तत्व तैयार किया गया है .यह कंन त्वरक (पार्तिकिल एक्सारेलेटर )वोल्गा नदी के किनारे मोस्को से ७५ मील उत्तर दिशा में स्थापित है.साइंसदानों ने इस नए तत्व के कमसे कम ६ परमाणु पैदा करलेने का दावा किया है .यह तत्व लेड से ४० फीसद ज्यादा भारी है ।
विज्ञानियों ने प्रागुक्ति की थी सुपर हेवी एलिमेंट्स अपेक्षा कृत स्टेबिल (लोंगर लिव्ड )होंगे ,अर्द्ध जीवन अवधि इनकी ज्यादा होगी कृत्रिम तौर पर निर्मित अब तक तैयार तत्वों से ,जिनमे से ज्यादा तत्व अल्पकालिक हैं .अर्द्ध जीवन अवधि इनकी अपेक्षा कृत कम है .ऐसे अभी और भी तत्वों का पता लगाया जाना कंन त्वरकों से पैदा किया जाना बाकी है जो सुपर्हेवी होने के साथ साथ ज्यादा हाफ लाइफ लिए होंगे ।
इनके अभिनव प्रयोग अभी भविष्य के गर्भ में हैं ।
उत्तर युरेनियम तत्व आसानी से विखंडित करवाए जा सकतें हैं .मिनी स्केल पर एक अतोमिक एक्स्प्लोज़ंन इनमे कुदरती तौर पर ही होता रहता है अल्फा या बीता या फिर गामा कणों के रिसाव (उत्सर्जन /रिसाव )के साथ .इसी फिनोमिना को रेडियो -एक्टिविटी कह दिया जाता है .लेकिन एक सीमा के बाद जैसे जैसे तत्वों का भार (परमाणु संख्या )बढ़ता है ,स्टेबिलिटी भी एक बार फिर से बढ़ने लगती है .देखना बाकी है स्टेबिलिटी की यह लिस्ट आगे कहाँ तक जाती है .अभी तक इस नए तत्व के आगे परमाणु संख्या ११८ तथा पीछे ११६ परमाणु संख्या वाले तत्वखासे स्टेबिल पाए गए हैं ।
न्युत्रोंन और प्रोटोन परस्पर किस प्रकार बंधे हुए हैं इसे समझने बूझने में यह सुपर्हेवी एलिमेंट्स मदद गार हो सकतें हैं .भले ही आज हम शोर्ट लिव्ड एत्म्स के संभावित उपयोग से वाकिफ ना हों ।
सन्दर्भ सामिग्री :सुपर हेवी "एलिमेंट ११७ "इज फाइनली किर्येतिद (टाइम्स सोफ़ इंडिया ,अप्रैल ८ ,२०१० )
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