अपोलो अस्पताल के संस्थापक मुखिया (चेयर- मेन)डॉक्टर प्रताप सी रेड्डी ने भारत वासियों को चेताते हुए कहा है ,यदि शीघ्र ही हमने बचावी उपाय नहीं किये जीवन शैली में सुधार नहीं किया तो भारत हृद रोगों की राजधानी बन जाएगा ।
विश्व -स्वास्थ्य संगठन के माहिरों के मुताबिक़ दूसरे मुल्कों के बरक्स (बनिस्पत )भारतवासियों के लिए हृद-रोगों का ख़तरा ज्यादा ही मुह बाए खड़ा रहता है .हमारा खान पान और जेनेटिक मेक अप इन रोगों के अनुकूल है .बेशक जीवन शैली सुधार कर हृद रोगों ,हाई -पर्टेंसन,दायाबीतीज़ (मधुमेह ,शक्कर की बीमारी ),कैंसर ,स्वसन सम्बन्धी संक्रमणों से अपेक्षा कृत बचे रहा जा सकता है ।
और इस में कुछ मेहनत भी आपको नहीं करनी है .हेल्दी फ़ूड लीजिये (परम्परा -गत भारतीय थाली ,दही भात ,दाल सब्जी ,मौसमी फल तथा सलाद आदि ).,यदि धूम्रपान करतें हैं तो मुल्तवी कर दीजिये -अपने और अपने परिवार की भलाई और सलामती के लिए .आखिर आप आपने शौक के लिए दूसरे के फेफड़ों का स्तेमाल क्योंकर करिएगा ?आप अपने बीबी बच्चों को प्यार करतें हैं ।?
बैठे ठाले काउच-पटेटो बने रहना हृद के लिए खतरनाक है .थोड़ा सा हल्का व्यायाम .आधा घंटा टहलकदमी ,गार्डनिंग (किचिन गार्डन की संभाल कौन बड़ी बात है ).बस हफ्तेमें पांच मर्तबा और कुछ नहीं तो हल्का तेज़ चल लीजिये अपनी सामर्थ्य के हिसाब से .बैठे बैठे हुक्म मत चलाइये ,हिलिए अपनी जगह से , अपने काम खुद कीजे ।
अपने गुस्से पर काबू रखना सीखिए .दिल के लिए घातक है गुस्सा .स्ट्रेस का प्रबंधन करना सीखिए (अपनी मर्ज़ी का कोई काम ज़रूर कीजिये ,कुछ शौक रखिये, रचनात्मक )।
अपने खून में घुली चर्बी (कोलेस्ट्रोल )को ,शक्कर कोवि - नियमित ,नियंत्रित रखिये ।
सन्दर्भ- सामिग्री :-बिलियन हार्ट्स बीटिंग केम्पेन लोंच्द (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल २८ ,२०१० )
बुधवार, 28 अप्रैल 2010
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