तेलअवीव विश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने मार्क वाइज़र के नेत्रित्व में पता लगाया है ,वह युवजन जो धूम्र -पान करतें हैं उनका इंटेलिजेंस कोशेंट अपने नॉन -स्मोकर्स साथियों के बरक्स कम रह सकता है .यानी निकोटिन आपके बौद्धिक -कोशांक का ही पान करने लगती है ,पलीता लगा देती है आपके इंटेलिजेंस कोशेंट को ।
इजरायली फौजियों के १८ -२१ साला आयु वर्ग का दीर्घावधि अध्धय्यन विश्लेषण करने के बाद पता चला है आप कितनी सिगरेट रोजाना फूंक देते है इसका आपके आई .क्यू पर सीधा असर पड़ता है ।
एकनॉन -स्मोकर का औसत आई .क्यू .१०६ आंका गया .,जबकि स्मोकर्स में यह घटकर औसतन ९४ अंक रह गया .यानी ७ अंक निकोटिन ने जला डाले ।
स्मोकर्स में जो युवा रोजाना एक पैकिट सिगरेट धुएं में उड़ा रहे थे उनका आई .क्यू और भी कम ९० पाया गया युव -जनों में जो सेहत मंद हैं और हर तरह के मानसिक रोग से मुक्त हैं यह ८४-११६ अंकों के बीच रहा है ।
लोवर आई क्यू का मतलब स्मोकिंग की लत भी होसकती है .यूँ अध्धय्यन में शामिल ज्यदातर फौजियों का आई क्यू एक औसत रेंज में ही दर्ज़ किया गया है ।
सन्दर्भ सामिग्री :स्मोकिंग केंन सिंज योर आई क्यू (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल ३,२०१० )
शनिवार, 3 अप्रैल 2010
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