सम आर वायर्ड तू बी इंट्रो- वार्ट(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल ८ ,२०१० )
अंतर मुखी होतें हैं सौ में से बीस लोग .इनका दिमाग सृष्टि (जीवन और जगत )का संसाधन अलग तरीके से करता रहता है ,दुनिया को देखने समझने का इनका तरीका जुदा रहता है ।
कोई बीस फीसद लोग एक खसूसियत 'सेंसरी परसेप्शन सेंसिटिविटी 'यानी एस पी एस लिए पैदा होतें हैं इसीलिए इनके ट्रेट्स (चारित्रिक विशेषताएं) भिन्न रहतीं हैं .यानी रूप रस गंध स्पर्श से प्राप्त ज्ञान के प्रति इनकी संवेदनशीलता अलग किस्म की होती है ।
ये लीग अक्सर शर्मीले और नर्वस बने रहतें हैं .अत्यधिक और अकारण औत्सुक्य (हाई लेविल ऑफ़ एन्ग्जायती )इनमे दिखलाई देता है .एक तरह की न्युरोतिसिज्म ,नकारात्मक सोच इनमे दिखलाई देती है .सोसल सिचुएशंस में ये लोग एम्ब्रास मह्शूश करते हैं ।
कुछ नौनिहालोंमे भी यह ट्रेट्स दिखलाई देंगें .ये लोग धीरे धीरे सोसल सिचुएशंस में शिरकत करतें हैं ,बहुत जल्दी रोना धोना शुरू कर देतें हैं ।
अंतर मुखी लोग कोई भी फैसला करने में ज्यादा वक्त ले लेतें हैं ,अपनी अंतर -आत्मा की आवाज़ के अनुरूप नियम निष्ठ होकर काम करतें हैं .कर्तव्य निष्ठा इनका गुण है ।
इस रिसर्च के भागी दारों में बराबर के साथी रहें हैं ,स्टोनी ब्रुक यूनिवर्सिटी ,न्यू -योर्क ,साउथ -वेस्ट यूनिवर्सिटी और चीन की अकादेमी ऑफ़ साइंसिज़ ।
साइंसदानों के मुताबिक़ सेंसिटिविटी त्रेत तकरीबन १०० अन्य प्रजातियों में भी पाया जाता है जिनमे से कुछ हैं ,फ्रूट -फ्लाईज़ ,फिश और केना -इन्स ,प्राइमेट्स आदि ।
सन्दर्भ सामिग्री :सम आर वायर्ड तू बी इन्त्रोवार्ट्स (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल ८ ,२०१० )
गुरुवार, 8 अप्रैल 2010
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