शुक्रवार, 5 मार्च 2010

वजन घटाने के लिए आदर्श खुराख का राज़ छुपा है हमारी आनुवंशिक बुनावट में ...

क्या है "जीनोताइप"?एक व्यक्ति की एक विशिष्ठ आनुवंशिक प्रकृति (जेनेटिक नेचर )होती है .अलबत्ता ऐसे बहुत से लोग होतें हैं जिनकी भौतिक प्रकृति जुदा लेकिन आनुवंशिक बुनावट यकसां हो .जेनेटिक मेक अप को ही जीनो टाईप कहा जाता है ।

इसका मतलब यह हुआएक जेनेटिक परिक्षण करके व्यक्ति विशेष के लियें ,समूह विशेष के लिए जिनकी आनुवंशिक प्रकृति एक जैसी है वजन को प्रभावित करने वाली वेट का विनियमन करने वाली सही तरीके से घटाने वाली आदर्श खुराख का राज़ हमारी आनुवंशिक रचाव में छिपा है ।

ज़रूरी नहीं है सब के लिए कम चिकनाई सना ,कम कार्बोहाद्रेती (कम खुराखी शक्कर )वाला भोजन असर कारी हो .हो सकता है आनुवंशिक बनावट एक संतुलित खुराख मांग रही हो .यही कहना है "इंटर ल्युकिन जेनेटिक्स इंक "का ।

मोटापे से ग्रस्त १४० महिलाओं पर संपन्न एक अध्धययन ने बतलाया है जिन्हें उनकी आनुवंशिक बनावट के अनुरूप भोजन दिया गया उनका वजन असरदार तरीके से ज्यादा कम हुआ बनिस्पत उनके जिनकी खुराख उनके जेनेटिक मेक के अनुरूप नहीं रहती है ।
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी केलिफोर्निया के अनुसार दवाओं के बनिस्पत यह नुस्खा (आनुवंशिक बनावट के अनुसार खुराख )दवाओं के बरक्स ज्यादा कारगर सिद्ध हुआ है .आपने मेसाच्युसेट्स आधारित "इंटर -ल्युकिन टेस्ट "अध्धय्यन में भाग लिया था .यह अध्धय्यन तीन जीवन इकाइयों(जींस ) में होने वाले संभावित "म्यूटेशन "यानी उत्परिवर्तन पर आधारित है जिनके नाम हैं -ऍफ़ ए बी पी २ ,पी पी ए आर जी तथा ए डी आर बी २ ।
बकौल" इंटर ल्युकिन जेनेटिक्स इंक "तकरीबन ३९ फीसद गोरे अमरीकियों को लो फेट जीनो ता -इप खुराख माफिक आती है जबकि ४५ फीसद की आनुवंशिक संरचना लो प्रोसेस्ड कार्बो हाई -द्रेट्स खुराख के ज्यादा अनुरूप है .जबकि १६ फीसद ऐसे लोगों का है जिन्हें वजन घटाने के लिए एक संतुलित खुराख ज्यादा माफिक आयेगी .
is

1 टिप्पणी:

शरद कोकास ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी है ,,लेकिन इस देश की जनता के पास तो पेट भरने की भी समस्या है ..संतुलित व उपयुक्त खुराक तो बाद की बात है । शायद उपल्ब्ध अन्न से ही संतुलित करने की बात कोई आहार वैज्ञानिक बता सके ।