शुक्रवार, 19 मार्च 2010

दवा सना स्टेन्ट शक के दायरे में ....

"सेफ्टी ऑफ़ ड्रग कोटिड स्टंट्स अंडर लेंस :टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मार्च १८ ,२०१० ।
एक नै शोध के मुताबिक़ हार्ट अटेक के बाद जिन लोगों ने शल्य चिकित्सा के ज़रिये दवा सना (दवा से भीगा )स्टेन्ट फिट करवाया ताकि धमनियां खुली रहें उन में से बहुत से लोग दिल की बीमारियों से ही काल कवलित हो गए बरक्स उनके जिनको परम्परा गत पुराना बिना दवा सना स्टेन्ट फिट किया गया ।
एक मामूली सा पतला किसी बाल पेन के रिफिल सा एक स्प्रिंग होता है स्टेन्ट जिसे बेहतरीन मिश्र धातु से तैयार किया जाता है .परिह्रिद्य धमनी रोग(कोरोनरी आर्टरी दीजीज़ ) में अवरुद्ध धमनियों को खोलकर ठीक कर इसे वहीँ छोड़ दिया जाता है ताकि आइन्दा रक्त आपूर्ति निर्बाधित होती रहे ।
डेनमार्क में संपन्न इस अध्धययन के मुताबिक़ स्टंट्स लगवाने के तीन साल बाद उनके कालकवलित होने की संभावना ज्यादा पाई गई जिन्होनें दवा -संसिक्त (ड्रग कोतिद स्टेन्ट )फिट करवाया था बनिस्बत उनके जिन्होंने इसका पुराना वर्षंन (चीपर बेअरमेटल मोडिल )लगवाया ..

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