दोनों ही विषाणु से पैदा होने वाले संक्रमण शील (इन्फेक्ष्श )रोग हैं जो आम तौर पर बच्चों को हो जातें हैं .जहां मीज़ल्स यानी खसरा में लाल चिकत्ते (रेड रेशिश)सारे शरीर पर हो जातें हैं वहीँ जर्मन मीज़ल्स में चमड़ी पर बदरंग (वर्णहीन )चिक्त्ते छा जा जातें हैं .यानी चमड़ी का रंग ही ले उड़तें हैं ।
जर्मन मीज़ल्स में चिक्त्ते उभरने से पहले मरीज़ को ठंड लग सकती है (जूड़ी चढ़ सकती है )गर्भ वती माताओं के लिए जर्मन मीज़ल्स खतरनाक हो सकती है खासकर उनके लिए जिनमे इस विषाणु के प्रति इम्युनिटी (रोग प्रति -रक्षण नहीं है )नहीं है ।
एक जर्मन काया -चिकित्सक ने इसका पता लगाया था इसीलियें इसे जर्मन मीज़ल्स कहा जाता है ।
मीज़ल्स के लक्षणों में माइल्ड अपर रिस्पाय्रेत्री अफेक्ट (ऊपरी श्वसन क्षेत्र असरग्रस्त होता है ),उच्च ज्वर (हाई -टेम्प्रेचर ),कन्जक्तिवाइतिस् शामिल है .ज्वर ४-५ दिनों में उतर जाता है .
रविवार, 28 मार्च 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें