केलिफोर्निया और कोरिया के साइंसदानों ने एक ख़ास किस्म की शैवाल से बिजली तैयार करने का करिश्मा कर दिखाया है .इस काई का नाम है "च्लाम्य्दोमोनसरेंहर्द्ती ".यह एक व्यापक रूप से उपलब्ध और ठीक से अध्धय्यन की गई आलगे(एल्गी ) है .इसी में से साइंसदानों ने इलेक्त्रोंन चोरी किये हैं ।
जब से यह जंगम संसार अस्तित्व में आया है तभी से तमाम तरह के प्राणी पादप जगत और वनस्पति से ,काई या शैवाल से शक्कर के रूप में इनमे सन्निहित रासायनिक ऊर्जा लेते रहें हैं ।सूर्य ऊर्जा का खज़ाना लुटाता रहा है .अब
साइंसदानों ने इस बूझ ली गई शैवाल से इलेक्त्रोंको लेकर एक स्वच्छ स्रोत (ग्रीन एनर्जी ) बिजली पैदा करने का ढूंढ निकाला है .बेशक इसे "ग्रीन इलेक्त्रिसिती "कहा समझा जा सकता है ।
सन्दर्भ सामिग्री :नाव इलेक्त्रिसिती फ्रॉम एल्गी (आलगे ):(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मार्च २९ ,२०३० )
सोमवार, 29 मार्च 2010
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