सोमवार, 8 मार्च 2010

हाई -मेंन (योनिच्छिद )मिथ और यथार्थ .....

"दी एब्सेंस ऑफ़ ए फ्यू द्रोप्स ऑफ़ ब्लड एंड ए फिमेल इज इम्प्योर ?"
नारी की संरचना का एक अंग (शरीरांग )मात्र है "योनिच्छिद /हाई -मेंनपूरी औरत नहीं है .शरीर में इसकी ज़रुरत भी है या नहीं चिकित्सा माहिर नहीं जान सके हैं .अलबत्ता "इम्पर्फोरेट हाई -मेंन "जिसका पता तब चल पाताहै जब लडकियां यौवन की देहलीज़ पर पाँव रखतीं हैं (प्युबिसेंत /यौवनारंभ )पेट दर्द का कारन ,कमर दर्द की वजह बन जाती है क्योंकि मेन्स्त्र्युअल् ब्लड माहवारी शुरू होने पर वापस लौट जाता है योनी में .इम्पर्फोरेट हाई -मेंन पूरी योनी को ढके रहती है .हाई -मेंन के पीछे होती है योनी .योनी के अन्दर हाई -मेंन नहीं होती है .अमूमन यह अर्द्ध चन्द्राकार होती है जैसे हाथ के नाखूनों का निचला सफ़ेद भाग होता है .कभी कभार यह एक चाप की तरह (ईद के चाँद )क्रेसेंट की शक्ल लिए होती है .हाई -मेंन यानी योनी का पर्दा हो ही यह कतई ज़रूरी नहीं है .कई लडकियां जन्म से ही बिना हाई -मेंन के पैदा हो जातीं हैं .हाई -मेंन का होना या फिर गैर मौजूदगी सटी सावित्री होना या ना होना नहीं है ।
ईसा के जन्म के बाद चर्च ने नाहक घोषणा की थी "मेरी की हाई -मेंन "ईसा को जन्म देने के बाद भी सही सलामत थी .मेरी वर्जिन है .यह भी तो हो सकता है मेरी बिना हाई -मेंन के ही इस दुनिया में आ गई थी .वेस्तिजियल ओर्गेंन है हाई -मेंन जिसका कोई फंक्शन आदिनांक माहिरों को नहीं पता ।
कई मर्तबा हाई -मेंन बेहद इलास्टिक होती है ,इंटर -कोर्स के बाद भी बनी रहती है .कभी कभार इस वजह से पेन भी हो सकता है मैथुन के दौरान .एक बारीक तिस्यु एक झिल्ली है हाई -मेंन जो योनी के बाहर वलवा (योनी विवर /भग )को आम तौर पर आंशिक और कभी कभार पूरा आच्छादित किये रहती है .योनी का घूंघट है हाई -मेंन (योनिच्छिद ).औरत के पाकीज़ा होने का इस घूंघट से कोई लेना देना नहीं है ।
अलबत्ता हाई -मेनोप्लास्ती करने वाले कोस्मेटिक सर्जन भारत और जापान ,इतर पूरबी देशों में चांदी कूट रहे है ।
हाई -मेंन यूनानी देवता हाई -मीनिय्स से बना है .जिसे विवाह का देवता माना जाता है .इसे बच्चुस और वेनस की संतान कहा गया है .इस की विवाह के समय मौजूदगी शुभंकर मानी गई है .इसीलिए विवाह के समय इसका आवाहन किया जाता है .

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