साइंसदानों के मुताबिक़ "बी तोक्सिन "काटने पर मधु मख्खी जो विषाक्त पदार्थ छोडती है वह चीनी चिकित्सा का एक तीन हज़ार साल पुराना किस्सा रहा आया है .बी स्टिंग थिरेपी के तहत कुछ ख़ास प्रेशर पॉइंट्स पर मधु मख्खियों से कटवाया जाता है .बी स्टिंगर यहाँ एक इंजेक्शन का काम करता है .चीनी चिकित्सा के तहत २००७ में बी स्ट्रिंग ट्रीटमेंट को वैधानिक दर्ज़ा दे दिया गया है .चीनी अस्पतालोंमे अच्छे स्वास्थ्य के लिए लोग बी -प्रिक के लिए उतावले रहतें हैं ।
दीगर है मधु मख्खी से घिर जाने पर काटे जाने पर कुछ लोगों को खतरनाक एलर्जिक रिएक्शन से बचाव के लिए "एंटी -हिस्तामिंस ' ' के टीके लगवाने पडतें हैं .भले आदमी आप मधु मख्खी से मत कटवा लेना .चिकित्सा के तहत बी -प्रिक एक पद्धति ज़रूर है लेकिन यह काम माहिरों का है ।
सन्दर्भ सामिग्री :चाइनीज़ स्वार्म तू क्लिनिक फॉर बी -स्टिंग ट्रीटमेंट (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मार्च २३ ,२०१० )
शनिवार, 27 मार्च 2010
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