मिथ है या यथार्थ ,विज्ञान है या सहज विश्वाश या जन विश्वाश रोपित परम्परा इंडोनेशिया में एक गाँव ऐसा भी है जहां लोग मृदा से तैयार जलपान करतें हैं .पूर्वी जावा का एक अंचल है "तुबन ".यहाँ बरसों से "एम्पो "मृदा से तैयार नाश्ता बिकता है ,लोग चाव से खातें हैं .धान के खेत की मिटटी को छानने निथारने के बाद एम्पो तैयार किया जाता है ।
कहतें हैं यह एक अच्छा एनाल्जेसिक है ,बेहतरीन दर्द -निवारक है .गर्भ वती माताएं इसका सेवन इस लोक आस्था के तहत करतीं हैं ,गर्भस्थ शिशु की त्वचा को यह टोनप्रदान करता है .निखार लाता है त्वचा में .काली मिटटी धान के खेतों की यहाँ खूब बिक रही है एम्पो के रूप में ।
इसे लकड़ी की एक छड़ी से कूट पीट कर हार्ड सोलिड मॉस में तब्दील किया जाता है .एम्पो का स्वाद मिटटी की गुणवता पर निर्भर करता है ।
५३ वर्षीय रशिमा कहतीं हैं हम कदीमी एम्पो बनातें हैं .हमें यह धंधा विरासत में मिला है ।
सन्दर्भ सामिग्री :ए विलेज देत स्नेक्स ओं सोइल फॉर बेटर हेल्थ (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मार्च १८ ,२०१० )
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