मानवीय अंगों (ह्यूमेन ओर्गेंस )ऊतकों ,यहाँ तक ,पूरी काया को परिरक्षित करके संजोये रखने वाले विज्ञान को "प्लास्तिनेशन "कहा जाता है .यूँ इस एवज परम्परागत तौर पर शव परिरक्षण के लिए मेडिकल कोलिजिज़ में फोर्मेलिन का स्तेमाल किया जाता रहा है लेकिन प्लास्तिनेशन एक अलग तकनीक है जिसके तहत ओर्गेंस और ऊतकों में फ़्ल्युइद्स की जगह सिलिकोन रबर ,एपोक्सी रेसिंन और पोलिएस्टर रेसिंन जैसे रिएक्टिव प्लास्टिक्स का स्तेमाल किया जाता है .इसके लिए एक ख़ास वेक्यूम प्रक्रिया अपनाई जाती है जो कई चरणों में संपन्न होती है बेशक इस प्रक्रिया में भी फोर्मेलिन की तरह अंगों का क्षय रोका जाता है ,तथा स्पेसिमेन के प्राकृत रंगों को जस का तस बनाए रखा जाता है ।
अनातोमिकल स्पेसिमेंस के परिरक्षण की यह विधि आकस्मिक तौर पर १९७८ में हेइदेल्बेर्ग यूनिवर्सिटी के अनातोमी एंड सेल्युलर बायलोजी इन्स्तित्युत में कार्यरत एक रिसर्च असिस्टेंट गुन्ठेर वोंन हगेंस के हाथ लगी थी .वह व्यक्ति जो प्लास्तिनेशन की इस टेक्नीक का माहिर होता है उसे "प्लास्तिनेतर "कहा जाता है .
रविवार, 28 मार्च 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें