क्या दादी माँ की सीख में कुछ सार है ?-"सुबह उठकर कृष्ण के बाल रूप को निहारो केलेंडर में कच्चे नारियल का बीज खाओ तो शर्तिया लडका पैदा होगा "
ऐसा ही कुछ इन दिनों कुछ आजमाइशों के नतीजे कह रहें हैं -"ईट बेकन फॉर बोइज "यानी भून कर नमक डाला हुआ खाने योग्य सूअर (शूकर ,बेकन )की पीठ या पुठ्ठों का मांस खाने से लडका पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है .गर्भाधान के आस पास हाई केलोरी युक्त खाद्य लेने से २० में से १० से बढ़कर ११ मामलों में लडका पैदा होता है ।
मिस्सौरी यूनिवर्सिटी के साइंस दानों का कहना है जो महिलायें गर्भाधान के गिर्द ,जेस्तेशन पीरियड में भी (गर्भावस्था के चालीस हफ़्तों के दरमियान )नियमित और भर पूर नाश्ता करतीं हैं तथा उच्च वसा युक्त भोजन करतीं हैं उनके लडका पैदा करने की संभावना उन महिलाओं के बरक्स बढ़ जाती है जो कम वसा युक्त ,कमतर चिकनाई सना भोजन लेतीं हैं ,अक्सर व्रत उपवास रखतीं हैं देर तक भूखों रहतीं हैं ।
चेरिल रोसेंफील्ड की माने तो जो महिलायें कमतर केलोरी वाला भोजन लेतीं हैं उनको लडकी पैदा होने की संभावना लडकों की तुलना में बढ़ जाती है ।
रिसर्चरों ने उक्त नतीजे प्रेग्नेंट माँइस के प्लेसेंटा में मौजूद जींस का विश्लेषण कर निकाले हैं .प्लासेन्टा यानी गर्भ नाल खेडी जिसके ज़रिये बच्चा माँ से पोषण प्राप्त करता है .कुछमाँउस को उच्च वसा कुछ को उच्च शर्करा बहुल खुराख तो कुछ और को सोया आधारित सामन्य खुराख पर रखा गया .१२ दिनों के बाद (गर्भावधि की लगभग आधी होती है यह अवधि माँइस में )कमसे कम २००० जीवन इकाइयों में परिवर्तन दर्ज किया गया .इनमे से कितनी ही जीवन इकाइयां गुर्दे के काम को अंजाम तक ले जाती थी ,किडनी फंक्शन को पूरा करवातीं थी तो कुछ का सम्बन्ध घ्राण शक्ति (ओल्फेक्त्री फेकल्टी से था )।सूंघने की क्षमता से था .
फिमेल फीतासिस पर माँ की खुराख का ज्यादा प्रभाव दिखलाई दिया .इनके जींस में तबदीली की संभावना ज्यादा दर्ज की गई .माउस प्लेसेंटा में जींस की अभिव्यक्ति (जींस एक्सप्रेशन )का बड़ा हाथ दिखलाई दिया .फीमेल्स के मामले में यह अभिव्यक्ति ज्यादा मुखर रही .माँ की खुराख का फिमेल प्लेसेंटा पर ज्यादा असर पड़ा .
शुक्रवार, 12 मार्च 2010
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