ब्रितानी रिसर्चरों ने रोड निदान ,रोग कैसे बढ़ता है ,बूझने के लिए एक गोल्ड की परत चढ़ा सेंसर तैयार करने की दिशा में एक महत्व -पूर्ण कदम आगे बढाया है .इसे मानवीय कोशाओं (कोशिकाओं )में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा .रोग का पता लगाएगा एक लेज़र जो इस डिवाइस में ही शामिल होगा .इतना ही नहीं रोग को ट्रेक भी किया जा सकेगा ।
इस प्राविधि में से लेज़र पुंज निकलकर कोशिकाओं के अणुओं पर गिरेगा .अनु पहले इसे ज़ज्ब करेंगे बाद में उत्सर्जित (एमिट )भी कर देंगे .प्रकाश की इस आवाजाही से कोशिका प्रोटीन में कम्पन पैदा होंगे .कम्पन की आवृत्ति प्रोटीन की आकृति तय करेगी ।
ऐसे किसी भी सेंसर को ऊतकों में भी रोपा जा सकेगा बस इसका तालमेल (संयोजन )एक संवेदी लाईट मेज़रमेंट टेक्नीक से करना होगा .और रोग निदान और उसके बढ़ने को बूझा जा सकेगा ।
सन्दर्भ सामिग्री :टाईनी सेन्सर्स अन्दर- स्टेंड डिजीज डिवलपमेंट (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मार्च ३० ,२०१० )
इस प्रकार विकसित सेंसर (तोहक )को ऊतकों में भी रोपा जा सकेगा .बस इसका संयोजन एक संवेदी प्रकाश मापी टेक्नीक के संग करना पड़ेगा .और इस प्रकार साइंसदानों के हाथ में आजायेगी एक बेशकीमती तकनीक जो ना सिर्फ बीमारी का पता लगाएगी उसके बढने पर भी नजर रखेगी ।
सन्दर्भ सामिग्री -तिनी
मंगलवार, 30 मार्च 2010
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