रविवार, 14 मार्च 2010

बेरियोंन -जिनेसिस (बेरियोंन उद्गम )क्या है ?

बेरियोंन का मतलब होता है भारी (बेरियोज़ से बना है यह शब्द ).अब सवाल पैदा होता है किससे ,कौन भारी ?अव्पर्मानुविक कणों (सब -अतोमिक पार्तिकिल्स )में प्रोटोन ,न्युत्रोंन एवं इनसे भारी उन कणों को जो स्ट्रोंग -इन्त्रेक्सन (प्रबलतम बल से अन्यकणों के साथ पेश आतें हैं )बेरियोंस कहा जाता है .खुद प्रोटोन और न्युत्रोंन तीन क्वार्कों का ज़माजोड़ हैं .द्रव्य के बुनियादी कणनहीं है ।
बेरियों -जिनेसिस (जिनेसिस माने उद्गम ,ओरिजिन ,पैदा होना ):यह भौतिकी (फिजिक्स )की वह शाखा है जिसके तहत इस बात की पड़ताल की जाती है पहले पहल बेरियोंस कैसे पैदा हुए .क्या हुआ था उस विधाई क्षण में ?
द्रव्य के कथित बुनियादी कणों को परिवारों में बांटा गया है जिनमे से एक परिवार बेरियोंस (न्युत्रोंन ,प्रोतोंस और उनसे भारी कणों का है ).हमने इन्हें कथित बुनियादी कण इस लिए कहा है क्योंकि वर्तमान जानकारी के मुताबिक़ ना तो इन्हें कण ही कहा जा सकता है और ना ही यह बुनियादी हैं .इनमे से कितने ही अपने से ज्यादा बुनियादी कणों से बने हैं जैसे क्वार्क से प्रोटोन ,न्युत्रों और मीजोंस का एक परिवार ।
प्रकृति में प्रत्येक कण के पीछे एक प्रति कण का अस्तित्व है .इलेक्त्रों के पीछे एंटी -इलेक्त्रोंन (पोज़ित्रोंन )है ,प्रोटोन के पीछे अन्तिप्रोतोंन .न्युत्रों के पीछे एंटी -न्युत्रों ,फोटों के लिए एंटी -फोटोंन ,न्यूट्रिनो (लिटिल न्यूट्रल )के लिए एंटी -न्यूट्रिनो आदि ।
अजब इत्तेफाक है सृष्ठी में (गोचर जगत में )बेरियोंस की संख्या प्रति कण एंटी -बेरियोंस से ज्यादा है .और इस प्रकार सृष्ठी में बहुत सारा अवशिष्ट पदार्थ मौजूद है .(लोटस ऑफ़ रेज़िद्युअल मैटर इन दा यूनिवर्स ।)
संभव तौर पर सृष्ठी के निर्माण के शूरूआती चरण में ही एक असिमित्री एक सीध और अनुपाती सम्बन्ध बेरियोंस और एंटी -बेरियोंस के बीच गायब हो गया .कौन सी फिनोमिना इसके पीछे काम कर रही थी यह आदिनांक अनुमेय है .कयास लगाना मुमकिन नहीं हुआ है .

कोई टिप्पणी नहीं: