बालों के गिरने की यूं अनेक वजहें होतीं हैं ,मसलन पोषण का अभाव (पोषण से जुडी है केश -राशि की सेहत ),किसी दवा का पार्श्व प्रभाव (कीमोथिरेपी से अक्सर गंज तक पैदा हो जाती है )भी केश -पात की वजह बन सकता है ।
इधर गर्भ -निरोधी गोली भी बालों के झड़ने के लिए कुसूरवार पाई गई है .और इसके पीछे उन हारमोनों का हाथ होता है जिनकी इस कोंत्र्सेप्तिव पिल में बहुलता (लोडिंग )होती है ।
दविड़ सलिंजर (केश -विज्ञानियों के अंतर -राष्ट्रीय संघ के निदेशक )कहतें हैं ,कितनी ही युवतियों में जिनमे किशोरियां भी शामिल हैं (टीनएजर्स इन देयर मिड टीन्सभी इनमे शरीक हैं )गर्भ निरोधी टिकिया बालों के छीजने (थिनिंग ऑफ़ हेयर्स )की वजह बन रही है .सलिंजर कहतें हैं मेरे पास इलाज़ के लिए रोजाना एक नवयौवना ज़रूर आती है ,एक से ज्यादा भी ।
दिलचस्प यह भी देखना है ,जहां "यस्मिन "और "दिअने ३५ "गर्भ निरोधी गोलियां बालों की बढ़ -वार में सहायक भी सिद्ध हुईं हैं वहीँ वहीँ इनकी पुरानी हमजोली रहीं "लोएत्ते ",लेव्लें आदि गोलियां उन महिलाओं में खासकर मिड टीन एजर्स में केश पात की वजह बनती रहीं हैं जिनमे केश्पात खानदानी प्रवृत्ति के रूप में चला आया है ।
सन्दर्भ सामिग्री :कोंत्र्सेप तिव पिल केंन ट्रिगर हेयर -लोस(टाइम्स ऑफ़ इंडिया मार्च २२ ,२०१० )
मंगलवार, 23 मार्च 2010
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