ब्रितानी विज्ञानी रिजेंरेतिव थिएरेपी पर काम कर रहें हैं -जो सौ साला (शतायु लोगों को )लोगों को पचास साला होने का एहसास करवा सकेगी .,जिसके तहत उम्र के साथ नाकारा हो चुके बॉडी पार्ट्स को (ओंन ग्रोन तिस्युस एंड द्युरेबिल इम्प्लान्ट्स )को टिकाऊ बॉडी पार्ट्स से बदला जा सकेगा .शुरुआत होगी -न्यू हिप्स ,नीज और हार्ट वाल्वस से ।
लीड्स यूनिवर्सिटी के शोध छात्र अगले ५ सालों में इस एवज ५० मिलियन पौंड्स खर्च करने जा रहें हैं ।
मौजूदा आर्तिफ्शिअल हिप्स की आयु लेदेकर २० साल है जबकि युनिवार्सितिज़ इन्स्तित्युत आफ मेडिकल एंड बायो -इंजीनियरिंगने एक ऐसा हिप इम्प्लांट कर दिखाया है जिस पर ता -उम्र भरोसा किया जा सकता है .बकौल प्रोफेसर जान फिशर इसमे कोबाल्ट -क्रोम मेटल का एक सोकित और एक सिरेमिक बाल है -इसे धारण करने वाला पचास साला व्यक्ति आइन्दा पचास सालों में १० करोड़ कदम आराम से चल सकेगा सौ साला होने तक ।
शरीर से स्वीकृति दिलाने के लिए (विजातीय प्रत्यारोपित अंग को शरीर प्रति -रक्षा तंत्र अस्वीकृत कर देता है )ऐसे तिस्युज़ और ओर्गेंस पर विज्ञानी काम कर रहें हैं जिन्हें स्वयं हमारा शरीर ही तैयार करेगा .ताकि प्रत्यारो प के अस्वीकृत होने की संभावना ही ना रहे एक ऐसी टेक्नीक के तहत एक हेल्दी डोनर हार्ट वाल्व लेकर उससे एंजाइम्स की एक कोक टेलऔर दितार्जेंट्स की मदद से उसकी कोशिकाएं अलग करके पूरी तरह कार्य क्षम हार्ट वाल्वस तैयार भी कर लिए गए हैं ।
(दी इनर स्केफोल्ड लेफ्ट कैन बी ट्रांस -प्लान्तिद इनटू दी पेशेंट विद आउट एनी फियर आफ रिजेक्शन -दीमें न रीज़न वाई नोर्मल ट्रांस -प्लांट्स विअर आउट एंड फेल .वंस दी
स्केफोल्ड इज ट्रांस -प्लान्तिद दी बोदी टेक्स ओवर एंड रिपोपुलेट्स इत विद सेल्स ।अब तक -
पशुओं और ४० मनुष्यों पर किए गए परीक्षणों के नतीजे उत्साह वर्धक रहें हैं ।
इसी तरीके की आज़माइश अब बर्न पेशेंट्स के लिए डोनर स्किन पर की जायेंगी ।
३० -५० सालों में तमाम डोनर तिस्युस को रिप्लेस किया जा सकेगा .बेशक हरेक प्रोडक्ट (बोदी पार्ट )के लिए अलग से आज़माइश करनी होगी .धीरे धीरे डोनर ओर्गेंस का स्थान शरीर से बाहर रिजेंरेतिव चिकित्सा से तैयार किए गए अंग ले लेंगें .यकीनन सौ साला लोग (शत-आयु लोग )उम्र के दूसरे पचास(सेकिंड हाफ सेंचुरी) में भी उतने ही चुस्त दुरुस्त रह सकेंगे जितना पहले पचास (फस्ट हाफ सेंचुरी में )।
सन्दर्भ सामिग्री :-लिव तू ऐ हंड्रेड विद बोदी आफ ऐ ५० -इयर -ओल्ड (टाइम्स आफ इंडिया ,अक्टूबर २१ ,२००९ ,पृष्ठ २१ ।)
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
बुधवार, 21 अक्तूबर 2009
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