जिस प्रकार से ब्लेक बोडी ब्लेक नहीं होती वैसे ही कोक्क पिट वोईस रिकॉर्डर ब्लेक ना होकर एक नारंगी रंग का सिलिंडर होता है ,तीन परतीय इस बेलन में ही जो अतरिक्त रूप से उच्च ताप दाब और प्रहार (टक्कर ,इम्पेक्ट )का सामना कर सकता है ब्लेक बॉक्स की मेमोरी यूनिट सुरक्षित बनी रहती है ,विमान के दुर्घटना ग्रस्त हो नष्ट हो जाने के बाद भी .ब्लेक बोडी भी ऊष्मा गतिकी विज्ञान में एक ऐसे आदर्श पिंड को कहा जाता है ,जिसका तापमान यकसां (नियत ,कोंस्तेंत )बना रहता है .जैसे हमारा सूर्य एवं समस्त तारागन श्याम पिंड हैं (ब्लेक बोडी ).प्रयोग शाला में ब्लेक बोडी ताम्बे की बनी एक ऐसी गेंद (कोपर बाल )को कहा जाता है ,जिसका ताप मान अति उच्च एवं नियत बना रहता है जिसकी बाहरी सतह बेहद चमकदार (पालिश नुमा )रखी जाती है ।
वायु यान में दो आवश्यक उपकरण बाद दुर्घटना सारी कहानी बयान करने के लिए ही फिट किए जातें हैं .इनमे एक होता है -फ्लाईट डाटा रिकॉर्डर (ऍफ़ डी आर ) और दूसरा होता है -कोक्क पिट वोईस रिकॉर्डर ।
दोनों को दुर्घटना से पैदा ताप दाब टक्कर सहने के योग्य बनाया जाता है -ताकि बाद दुर्घटना ,एअर क्रेश के संभावित कारणों को जाना जा सके ,कमसे कम उन पर कुछ तो रौशनी पड़ सके ।
ऍफ़ डी आर में तकरीबन ७०० अलग अलग पैरामीटर्स का ब्योरा दर्ज होता है जो फ्लाईट और कंट्रोल्स से ताल्लुक रखता है ।
कोक्क पिट वोईस रिकॉर्डर में कोक पिट में हुई सारी बातचीत दर्ज होती है .इसे ही ब्लेक बॉक्स कह दिया जाता है .इसकी सतह पर भी रिफ्लेक्टिव टेप्स लगी होतीं हैं (ब्लेक बोडी की सतह भी हाई -ली रिफ्लेक्टिव रखी जाती है )इस पर अंडर वाटर लोकेटर बीकन भी चस्पां रहता है .यानी जल के नीचे भी एक प्रकाश स्तम्भ एक आकाश दीप अपने होने की ख़बर देता रहता है ,ताकि ब्लेक बॉक्स को टोहा जा सके .
रविवार, 4 अक्तूबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें