क्वींसलेंड यूनिवर्सिटी के नेत्रित्व में एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने एक ऐसा विजुअल सिस्टम (देखने की प्राणाली )विकसित की है जिसे तैयार करने में मधु-मख्खियों से मार्ग -निर्देश करना सीखा गया है ,यह प्रणाली दुर्गम भू -क्षेत्र से साफ़ बचाकर विमान को आगे ले जायेगी .,ऐसा विमान जो सिर्फ़ इस प्रणाली के सहारे ही चलेगा जिसमे चालाक की ज़रूरत ही नहीं रह जायेगी ।
खनिज अन्वेषण से लेकर प्रतिरक्षा ,खुफिया गिरी ,ज़रूरी सूचनाओं का संग्रहण ,इंटेलिजेंस गेदरिंग से लेकर इंटर -सेप्शन तक अब चालाक रहित विमानों का दायरा फ़ैल रहा है .हर क्षेत्र में ऐसे विमानों की दरकार है ।
भविष्यमें इनका स्तेमाल मंगल ग्रह के अन्वेषण में भी किया जा सकता है .आप जानते है -मधु -मख्खियाँ अपने नन्ने से दिमाग के चलते भी निर्बाध पराग और अपना भोजन खोज लेती हैं .खुशबूं -ओं को ताड़ लेती हैं ।
नया इजाद किया गया "विज्युअल सिस्टम "स्टीरियो -विज़न "त्री -आयामीय जायजा ले सकेगा आस -पास और दूर क्शीतिज़ के विस्तार का .ताकि नीची उड़ान भरते वक्त भी वायुयान दुर्जेय बाधाओं से बच के निकल सके .एअर क्राफ्ट :एतित्युद को भी नियंत्रित कर सकेगा इस प्रणाली से लैस वायुयान ।
इस प्रणाली में दो कैमरे लगें हैं (स्तीरिओस्कोपिक विज़न के लियें ) और दो अतिपरिश्क्रित हाई -कर्वेचर (अति -घुमावदार )शीशे (मिरर्स )आस पास के भू -भाग का जायजा लेने के लिए विमान के नीचले हिस्से से लहरातें रहेंगे ।
कैमरे ऊंचाई और भू -भाग से दूरी रास्ते में आने वाली बाधाओं की इत्तला देते रहेंगे ,लगातार ।
रिफ्लेक्तिंग हाई -ली करवड मिरर्स तेज़ी से छिटकती पास की तथा अपेक्षतया साथ साथ चलती दूर की चीज़ों के बारे में सचेत करते चलेंगे .इस प्रकार चालाक रहित विमान बेहतरीन नेविगेशन की क्षमता से लैस होगा ।
लैण्ड स्केप के चारों तरफ़ से आप्टिकल डाटा संगृहीत कर सकने लायक बनाया गया है इस प्रणाली को .मूर के शब्दों में "आवर डिजाइन एलिमिनेट्स देत दिस्तोर्शन ,इनेबलिंग अस तू दी फ्लो आफ ओप्टिकल डाटा फ्रॉम आल पार्ट्स आफ दी लेन्द्स्केप इन व्यू तू नेविगेट दी एअरक्राफ्ट इविन इफ इट्स मोविंग फास्ट "।
विज्युअल सिस्टम आसमान की नीलीमा की तुलना भू -भाग के रेड ग्रीन रंगों से करेगी ताकि विमान की "पिचिंग "का ठीक ठीक जायजा लगाया जा सके -वेदर दी एअरक्राफ्ट इज पिचिंग "अप्प और डाउन "।
इस प्रणाली को मौजूदा वायुयानों में भी फिट किया जा सकेगा ,स्वतंत्र रूप से चालक रहित विमानों को तो यह एक नै परवाज़ देगी ही ।
सेंत लुईस में इसी माह होने वाली "इंटर -नेशनल कांफ्रेंस आन इंटेलिजेंट रोबोट्स एंड सिस्टम्स में पहली मर्तबा इसका खुलासा किया जाएगा (प्रदर्शन किया जाएगा )।
सन्दर्भ सामिग्री :-नाओ पायलट -लेस प्लेन्स तू "सी "फार देम्सेल्व्स (टाइम्स आफ इंडिया ,अक्टूबर ३ ,२००९ ,पृष्ठ २१ )।
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ).
सोमवार, 5 अक्तूबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें