शनिवार, 17 अक्तूबर 2009

३५ के पार मातृत्व के लियें -वित्रिफिकेशन (दूसरी किश्त )

क्या है वित्रिफिकेशन ?
दी प्रोसेस आफ कंवर्टिंग मेतिरिअल्स इनटू ग्लास यानी पदार्थों को ग्लास (शीशे )में बदलने की क्रिया कहलाती है -वित्रिफिकेशन .वित्रिअस का अर्थ होता है ग्लास जैसा ।
वित्रिफिकेशन इज ऐ पाइंट एट विच ऐ पोट लूजिज़ इट्स पोरोसिटी ड्यूरिंग ऐ फायरिंग वित्रिफिकेशन in देन्तिस्ट्री :दी प्रोसिस आफ कंवर्टिंग ऐ सिलिकेट मेतिरिअल इन्तो ऐ
स्मूथ विस्क्स सब्सटेंस बाई हीत इज कॉल्ड वित्रिफिकेशन ॥
दी सिलिकेट मेतिरिअल हार्दिंस आन कूलिंग एंड पज़सिस ऐ स्मूथ ग्लासी सर्फेस ।
इन देन्तिस्ट्री ईट इज रिलेटिड तू दी एक्स्तेंसिव यूज़ आफ सिरेमिक्स ,सीमेंट्स एंड पोर्सिलेंस .दीज़ वेरी बाई दी एडिटिव कम्पोनेंट्स देत दितार्मिन दे -आर डेन्सिटी एंड रिफ्रेक्तिव क्वालितिईज़ ।
लेकिन फर्टिलिटी क्लिनिक में आकर इस का रूप बदल जाता है जहाँ उसा -इट्स (दी अर्ली एंड प्रिमिटिव ओवम बिफोर ईट हेज़ दिवेलेप्द कम्प्लीटली )यानी फिमेल एग को शरीर के सामान्य तापमान ३७ सेल्सिअस से तीन मिनिट के अन्दर अन्दर शून्य से १९६ सेल्सिअस नीचे लाकर फ़टाफ़ट तरल नाइट्रोजन के नन्ने बेरेल्स में ठंडा होने के लिए मनचाहे समय तक सुरक्षित रख लिया जाता है ।
जो महिलायें किसी भी वजह से बिना पति को प्यारी हुए (अविवाहित रहते )माँ बन ने का फैसला उम्र के किसी भी मुकाम पर आकर करतीं हैं ,वह स्पर्म बेंक से डोनर सिमें लेकर फर्टिलिटी के माहिरों के पास आ सकतीं हैं . कामयाबी ४० फीसद हाथ लगती है .१.५ लाख रूपया चाहिए ओवम के वित्रिफिकेशन के लिए जिसे आइन्दा कभी भी स्तेमाल में लिया जा सकता है .रजोनिवृत्ति के बाद भी इस विधि से "इनवीट्रो -फर्तिलैजेशन "मुमकिन है .

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