पृथ्वी को विश्व -व्यापी तापन से पैदा गर्माहट से बचाने के लिए अब विज्ञानी बादलों में नमकीन पानी की पर्त रोप रहें हैं ।
भू -इंजीनिअरिंग प्रोद्योगिकी के ज़रिएअब बादलों की ब्रा -इत्नेस बढ़ाई जायेगी -इस एवज वायुयानों से महासागरों के ऊपर नमकीन पानी का बड़े पैमाने पर छिडकाव किया जाएगा .अल्ट्रा -फा- इन साल्ट वाटर मिस्ट (नमकीन पानी की अति -महीन धुंध ,हवाई -जहाजों से सागरों के ऊपर फैलाई जायेगी ।).
इन सूक्ष्म कणों की मौजूदगी में बादल अधिकाधिक पृथ्वी पर आपतित सौर विकिरण का अंश वापस अन्तरिक्ष में लौटा कर ठंडक पैदा करेंगे -जो ग्रीन हाउसिस गैसिस एमिशन से पैदा गर्माहट खासकर कुल जीवाश्म ईंधन से पैदा कार्बन -डाइऑक्साइड जन्य गर्माहट को नालिफाई (बराबर ,निष्क्रिय करेंगे )।
यूँ ग्रीन हाउस गैसें ही पृथ्वी को एक जीवन क्षम तापमान मुहैया कराये रहीं हैं ,पृथ्वी से निकलने वाली गर्मी (लॉन्ग वेव रेडिएशन को रोक कर ).लेकिन गत सौ सालों में कार्बन -डाइऑक्साइड की प्रति दस लाख भागों में एक सीमा से आगे की वृद्धि जलवायु परिवर्तन की घंटी बजा चुकी है -इसीलिए अभिनव उपाय आजमाए जा रहें हैं ।
"साल्ट वाटर फ़िल्म इन वाटर तू कूल अर्थ ?"इसी की अगली कड़ी है ।
एडिनबरा विश्व -विद्यालय में इंजीनिअरिंग डिजाइन के प्रोफेसर एमिरितास स्टीफेन साल्टर के शब्दों में "मेरीन क्लाउड ब्रा -इत्निंग कूद बी दन बाई पापुलेटिंग दी वर्ल्ड्स ओसन्स विद अपतु १५०० शिप्स ऑफ़ ऐ सम -व्हाट एक्सोटिक डिजाइन -सम -टाइम्स नॉन एज एल्बीदो -याच्ट्स ।
दीगर है की हादले सेंटर फार कलाई मेट प्रिदिक्षण एंड रिसर्च के एंडी जोन्स इसे अमेज़न के वर्षा वनों के लिए खतरे की घंटी बतलातें हैं ।
एंडी जोन्स कहतें हैं -दक्षिणी andh -महा -सागर (साउथ एटलांटिक )के ऊपर बादलों की चमक बढ़ने से एक तरफ़ क्लाउड कवर कम हो जाने से बरसात कम गिरेगी ,दूसरी तरफ़ अंध -महा -सागर के ठंडा हो जाने से वाष्पीकरण भी कमतर होता चला जाएगा ,आखिरकार अमेज़न के रैन फारेस्ट एक रेगिस्तान बन के रह जायेंगे -एक भरा पूरा एको सिस्टम नष्ट हो जाएगा .
शनिवार, 24 अक्तूबर 2009
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1 टिप्पणी:
प्रक्रति के साथ इस तरह से छेद्छाड से नुकसान ही होगा ।
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